Sunday, December 14, 2025
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Sonam Wangchuk की HIAL अनुकरणीय कार्य कर रही’, संसदीय समिति ने की एचआईएएल की तारीफ, कहा-‘UGC से मिलनी चाहिए मान्यता’

Sonam Wangchuk द्वारा स्थापित हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स (HIAL) के कार्यों की संसदीय समिति ने सराहना की है। दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा कि HIAL अनुकरणीय मॉडल है और इसे UGC से मान्यता मिलनी चाहिए।

Sonam Wangchuk: कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली एक संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि लद्दाख के शिक्षाविद एवं कार्यकर्ता सोनम वांगचुक द्वारा स्थापित ‘हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स’ (HIAL) अनुकरणीय कार्य कर रहा है और इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा मान्यता दी जानी चाहिए.

इस सप्ताह की शुरुआत में संसद में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में समिति ने UGC द्वारा एचआईएएल की लंबित मान्यता पर चिंता व्यक्त की. समिति ने यह भी सिफारिश की कि शिक्षा मंत्रालय HIAL मॉडल का गहन अध्ययन करे और विचार करे कि इसे शिक्षा नवाचार केंद्रों या अन्य हस्तक्षेपों के माध्यम से और जगह कैसे अपनाया जा सकता है.

समिति की रिपोर्ट में कही गई ये बात

शिक्षा, महिला, युवा और खेल संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘लद्दाख की अपनी अध्ययन यात्रा के दौरान समिति हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) में मौजूद शैक्षणिक, अनुसंधान और उद्यमिता के माहौल से प्रभावित हुई, विशेष रूप से स्थानीय सामाजिक-सांस्कृतिक और पारिस्थितिक संदर्भों में निहित अनुभव आधारित शिक्षा और पठन-पाठन के तरीके को लागू करने में इसकी सफलता से समिति प्रभावित दिखी.’

HIAL को अब तक मान्यता नहीं मिलने पर जताई चिंता

उसने कहा कि समिति को यह जानकर चिंता हुई कि UGC ने HIAL को अब तक मान्यता नहीं दी है और यह मामला कई वर्षों से लंबित है. समिति ने पाया कि एचआईएएल ने स्थानीय समुदाय पर जबरदस्त प्रभाव डाला है और अपने बर्फ के स्तूपों और अन्य सामुदायिक सहभागिता गतिविधियों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की है.

‘UGC को एचआईएएल को मान्यता देने पर विचार करना चाहिए’

समिति ने गौर किया कि एचआईएएल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के कार्यान्वयन में आदर्श है, जो इस तरह के अनुभव आधारित और परियोजना-आधारित शिक्षण, सामुदायिक सहभागिता और भारतीय ज्ञान प्रणालियों (आईकेएस) के एकीकरण का आह्वान करता है. रिपोर्ट के अनुसार समिति ने सिफारिश की कि यूजीसी को एचआईएएल को मान्यता देने पर विचार करना चाहिए.

रासुका के तहत वांगचुक को हिरासत में लिया गया था

गौरतलब है कि लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों के 2 दिन बाद 26 सितंबर को वांगचुक को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) के तहत हिरासत में लिया गया था. इन प्रदर्शनों में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 4 लोगों की मौत हो गई थी और 90 लोग घायल हो गए थे. सरकार ने उन पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था.

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Premanshu Chaturvedi
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