Thursday, December 5, 2024
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Parliament Winter Session: सभापति जगदीप धनखड़ को विपक्ष पर आया गुस्सा, बोले-‘घड़ियाली आसू बहाना बंद कीजिए’

नई दिल्ली, कांग्रेस सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों ने सरकार की कथित किसान विरोधी नीतियों और विभिन्न फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने के वादे को पूरा नहीं करने के विरोध में बुधवार को राज्यसभा से वॉकआउट किया.

इससे पहले, सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत दिन के सूचीबद्ध कामकाज को निलंबित करने की मांग करने वाले नोटिस को अस्वीकार करने के बाद कांग्रेस के सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की.

”किसान आपकी आखिरी प्राथमिकता है”

धनखड़ ने उनके व्यवहार की आलोचना करते हुए कहा कि नारेबाजी और घड़ियाली आंसू बहाने से किसानों का हित पूरा नहीं होता. उन्होंने शोरगुल व नारेबाजी कर रहे कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों से कहा, ‘आप केवल इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं. आप समाधान नहीं चाहते हैं. किसान आपकी आखिरी प्राथमिकता है. राज्यसभा की बैठक के शुरुआती सप्ताह में व्यवधान और हंगामे के कारण कोई कामकाज नहीं हो सका और उन्हें अफसोस है कि उस दौरान एक भी नोटिस किसानों के मुद्दे पर नहीं दिया गया था.’

नारेबाजी के बीच सभापति ने शून्यकाल आरंभ किया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मदन राठौड़ का नाम पुकारा. राठौड़ अपना मुद्दा उठा ही रहे थे, उस समय हंगामा और तेज हो गया. सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर बैठने का आग्रह किया और कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह सख्त कदम उठाएंगे. बाद में सभापति ने विपक्षी सदस्यों को किसानों का मुद्दा उठाने की अनुमति दी.

सरकार ने MSP बढ़ाने का अपना वादा पूरा नहीं किया : प्रमोद तिवारी

कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि सरकार ने MSP बढ़ाने का अपना वादा पूरा नहीं किया है और इस वजह से किसानों को फिर से आंदोलन करना पड़ रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों से किए गए अन्य वादों को भी पूरा नहीं किया है. तिवारी ने धनखड़ का नाम लिए बगैर कहा कि उच्च संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति ने भी किसानों के लिए आवाज उठाई है.

धनखड़ ने भी उठाई थी किसानों के लिए आवाज

ज्ञात हो कि धनखड़ ने मुंबई में एक कार्यक्रम में मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री से पूछा था कि क्या किसानों से किया गया वादा निभाया गया? उन्होंने कहा था, ‘वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं? गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है. कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे हैं.’ विपक्ष के अन्य सदस्यों ने भी धनखड़ की इस टिप्पणी का उल्लेख किया और किसानों के मुद्दे पर आवाज उठाने के लिए उनका आभार जताया.

तिवारी के बाद कुछ अन्य विपक्षी सदस्य भी इस मुद्दे पर सदन में अपनी बात रखना चाहते थे लेकिन धनखड़ ने इसकी अनुमति नहीं दी. इस पर विरोध जताते हुए कांग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया.

बता दें कि हाल के दिनों में दिल्ली-नोएडा सीमा पर विरोध प्रदर्शन करने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के किसानों ने दो दिसंबर को दिल्ली तक मार्च शुरू किया था.

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