नई दिल्ली, अडानी समूह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप, उत्तर प्रदेश के संभल और मणिपुर में हिंसा व कानून व्यवस्था की स्थिति सहित कुछ अन्य मुद्दों पर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग खारिज होने के बाद सोमवार को विपक्ष ने राज्यसभा में हंगामा किया, जिसके कारण उच्च सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. वहीं लोकसभा की कार्यवाही भी विपक्ष के हंगामे के चलते दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई,
संसद की स्थिति की मर्फी के नियम से तुलना
धनखड़ ने संसद की स्थिति की तुलना मर्फी के उस नियम से की जिसमें कहा गया है, ‘अगर किसी चीज के गलत होने की थोड़ी भी संभावना है तो वह गलत होगी.’ उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि इस गरिमापूर्ण सदन में मर्फी के नियम को लागू करने के लिए जानबूझकर माहौल बनाया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप संसद के उचित कामकाज में बाधा उत्पन्न होती है. हम पाते हैं कि हम ठीक उसके विपरीत दिशा में काम कर रहे हैं जो हमारा संविधान कहता है.”
लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित
पीठासीन सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर बैठने और कार्यवाही चलने देने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘मैं आप सभी से आग्रह करती हूं कि कृपया सदन को चलने दें. कई सदस्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं. खासकर जो सदस्य पहली बार चुनकर आए हैं, वे भी अपने अपने क्षेत्र की बात रखना चाहते हैं.’ शोर-शराबा जारी रहने पर उन्होंने करीब 12 बजकर आठ मिनट पर सदन की बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी.
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर को शुरू हुआ था और तभी से विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण लगातार गतिरोध बना हुआ है.