Monday, August 11, 2025
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Commercial Shipping Bill : संसद ने दी वाणिज्यिक पोत परिवहन विधेयक को मंजूरी, खरगे को SIR मुद्दे पर नहीं मिला बोलने का मौका

‘वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक, 2024’ को संसद की मंजूरी मिल गई है, जो 1958 के अधिनियम की जगह लेगा। यह विधेयक भारत के समुद्री व्यापार को बढ़ावा देगा, बिना राष्ट्रीयता वाले जहाजों को नियंत्रण में लेने का अधिकार देगा, और भारतीय ध्वज के अधीन टन भार बढ़ाएगा। इसमें समुद्री दुर्घटनाओं की जांच, जहाज सुरक्षा और समुद्री प्रदूषण रोकने के प्रावधान भी शामिल हैं।

Commercial Shipping Bill : वाणिज्यिक जलपोतों के स्वामित्व की पात्रता मानदंडों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के अवसरों का विस्तार करने के प्रावधान वाले ‘वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक, 2024’ को सोमवार को संसद की मंजूरी मिल गई। लोकसभा में यह विधेयक छह अगस्त को पारित किया गया था। राज्यसभा ने आज जब इस विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दी, तब विपक्षी सदस्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर चर्चा की अनुमति न दिए जाने और सदन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने का मौका न दिए जाने पर विरोध जताते हुए सदन से बहिर्गमन कर चुके थे।

एक बार के स्थगन के बाद उच्च सदन में मणिपुर की अनुदान मांगों संबंधी विधेयक को मंजूरी दी गई। इसके बाद पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने ‘वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक, 2024’ (मर्चेंट शिपिंग बिल) को चर्चा एवं पारित करने के लिए प्रस्तुत किया।इस बीच विपक्षी सदस्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे।

भारत का समुद्री व्यापार बढ़ाने में विधेयक मददगार होगा

विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के गोलाबाबू राव ने भाग लिया। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के गोला बाबू राव ने कहा कि भारत का समुद्री व्यापार बढ़ाने में यह विधेयक मददगार होगा। संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए मंत्री सोनोवाल ने कहा कि बदलते समय के साथ नयी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए यह विधेयक लाया गया है और यह वाणिज्य पोत परिवहन अधिनियम, 1958 की जगह लेगा। उनके जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी। विधेयक के लिए कुछ विपक्षी सदस्यों ने संशोधन का प्रस्ताव दिया था किंतु नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने की अनुमति न दिए जाने का आरोप लगाते हुए विपक्षी सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए थे।

‘वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक, 2024’ केंद्र सरकार को भारत के भीतर या जलक्षेत्र में बिना राष्ट्रीयता वाले जहाजों को अपने नियंत्रण में लेने का अधिकार देता है, यदि ऐसा जहाज कानूनी रूप से किसी देश का झंडा लगाने का हकदार नहीं है या उसने ऐसा अधिकार खो दिया है। विधेयक के उद्देश्यों और कारणों में कहा गया है कि हाल के वर्षों में वाणिज्य पोत परिवहन या मर्चेंट शिपिंग उद्योग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण परिवर्तन अनुभव किए गए हैं जिससे इस क्षेत्र को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

इसमें कहा गया कि इन चुनौतियों पर ध्यान देने तथा कारोबार में सुगमता बढ़ाने के लिए 1958 के कानून में सुधार आवश्यक हो गए हैं जिनमें प्रचालन दक्षता में सुधार, अनुपालन बोझ को कम करना, वैश्विक पोत परिवहन बाजार में भारत की उपस्थिति को मजबूत करने के लिए भारतीय ध्वज के अधीन टन भार की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ाना तथा समुद्री प्रदूषण रोकना आदि शामिल हैं।

विधेयक के उद्देश्यों के अनुसार, इन सभी के मद्देनजर वाणिज्य पोत परिवहन अधिनियम, 1958 का निरसन करना और उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए एक सम-सामयिक, भविष्योन्मुखी तथा गतिशील कानून अर्थात वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक, 2024 को लाना आवश्यक हो गया है। इस विधेयक में समुद्री दुर्घटनाओं की जांच और तटीय व्यापार में लगे जहाजों की सुरक्षा आदि का प्रस्ताव और भारतीय ध्वज के अधीन टन भार में वृद्धि करना शामिल है।

Mukesh Kumar
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