India in UNSC: भारत ने पाकिस्तान की अध्यक्षता में हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक बैठक में अपने पड़ोसी को कट्टरता में डूबा लगातार कर्ज लेने वाला देश करार देते हुए कहा कि सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को गंभीर कीमत चुकाने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा, ‘हम अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के विषय पर चर्चा कर रहे हैं, ऐसे में यह समझना जरूरी है कि कुछ बुनियादी सिद्धांतों का सार्वभौमिक रूप से सम्मान किया जाना चाहिए जिनमें से एक है- आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करना.’
UNSC की बैठक में रखा भारत का पक्ष
हरीश ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘बहुपक्षवाद और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बढ़ावा देना’ विषय पर आयोजित उच्च-स्तरीय खुली चर्चा में अपने राष्ट्र की ओर से बयान दिया. पाकिस्तान 15 देशों की सदस्यता वाली सुरक्षा परिषद का जुलाई के लिए अध्यक्ष है. पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इसहाक डार ने इस खुली चर्चा की अध्यक्षता की, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी संबोधित किया.
पाकिस्तान ने उठाया सिंधु जल संधि का मुद्दा
डार ने पाकिस्तान की ओर से परिषद को संबोधित करते हुए जम्मू कश्मीर के साथ-साथ सिंधु जल संधि का मुद्दा भी उठाया. पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत ने फैसला किया कि 1960 की सिंधु जल संधि तब तक निलंबित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से अपना समर्थन देना नहीं छोड़ देता. तुर्किये ने भी इस खुली चर्चा में अपने बयान में जम्मू कश्मीर का जिक्र किया.
‘पाकिस्तान कट्टरता और आतंकवाद में डूबा हुआ देश’
हरीश ने डार की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘एक ओर भारत है जो एक परिपक्व लोकतंत्र, एक उभरती अर्थव्यवस्था और एक बहुलवादी एवं समावेशी समाज है. दूसरी ओर पाकिस्तान है, जो कट्टरता और आतंकवाद में डूबा हुआ है और IMF (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) से लगातार कर्ज ले रहा है.’ इस साल मई में IMF ने विस्तारित निधि सुविधा (EFF) के तहत पाकिस्तान को लगभग 1 अरब डॉलर प्रदान करने की मंजूरी दी थी, जिससे इस व्यवस्था के तहत कुल प्रदान की गई राशि लगभग 2.1 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई है.
#WATCH | Permanent Representative of India to the UN in New York, Ambassador Parvathaneni Harish, says "There should also be a serious cost to states who violate the spirit of good neighbourliness and international relations by fomenting cross-border terrorism. Recently,… pic.twitter.com/C3pyi8FPct
— ANI (@ANI) July 23, 2025
पहलगाम हमले का जिक्र कर कही ये बात
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) चैंबर में अपने बयान में हरीश ने पहलगाम आतंकवादी हमले का जिक्र किया, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली है. हरीश ने इस बात पर जोर दिया कि उन देशों को गंभीर कीमत चुकानी चाहिए जो सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर अंतरराष्ट्रीय संबंधों एवं अच्छे पड़ोसी की भावना का उल्लंघन करते हैं.’
‘ऑपरेशन सिंदूर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान के अनुरूप’
भारतीय राजदूत ने कहा, ‘परिषद के किसी भी सदस्य के लिए यह उचित नहीं है कि वह ऐसे आचरण में लिप्त रहते हुए उपदेश दे जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए अस्वीकार्य है.’ उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाकर ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 25 अप्रैल के बयान के अनुरूप है. जिसमें इसके सदस्य देशों ने आतंकवाद के इस निंदनीय कृत्य के अपराधियों, इसके आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के कठघरे में लाने की आवश्यकता पर बल दिया था.
#WATCH | Permanent Representative of India to the UN in New York, Ambassador Parvathaneni Harish, says "I am also constrained to respond to the remarks made by the representative of Pakistan. The Indian Sub Continent offers a stark contrast in terms of progress, prosperity and… pic.twitter.com/B3ENMTJJA2
— ANI (@ANI) July 23, 2025
हरीश ने कहा कि भारत की प्रतिक्रिया केंद्रित एवं संतुलित थी और तनाव बढ़ाने वाली नहीं थी. उन्होंने कहा, ‘अपने प्राथमिक उद्देश्यों की प्राप्ति के बाद पाकिस्तान के अनुरोध पर सैन्य गतिविधियों को सीधे तौर पर रोक दिया गया.’
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