लाहौर, पाकिस्तान के सांस्कृतिक शहर लाहौर को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया है, क्योंकि यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 394 पर पहुंच गया है. पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने स्मॉग के प्रभाव को कम करने के लिए कृत्रिम बारिश की योजना बनाई है.
क्यों बढ़ा प्रदूषण ?
AQI हवा में विभिन्न प्रदूषकों की सांद्रता का माप है. 100 से ऊपर AQI को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है और 150 से ऊपर को बहुत ज्यादा हानिकारक माना जाता है. फसल के अवशेषों को जलाने और औद्योगिक उत्सर्जन के कारण वायु प्रदूषण का संकट बढ़ गया है. खतरनाक स्मॉग के कारण शहर के निवासियों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जिनमें खांसी, सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और त्वचा संक्रमण शामिल है.
बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए बनाई ये योजना
पंजाब की सूचना मंत्री आजमा बुखारी ने मंगलवार को कहा, ‘कल लाहौर को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया. हमने इस मामले को सुलझाने के लिए कई पहल की हैं और अब हम शहर में कृत्रिम बारिश की योजना बना रहे हैं. मरियम नवाज की पंजाब सरकार ने एंटीस्मॉग दल भी बनाया है जो इससे (धूम कोहरा से) प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगा. ये दल किसानों को फसल अवशेष जलाने के खतरों के बारे में शिक्षित करेंगे, सुपर सीडर के उपयोग को बढ़ावा देंगे तथा अवशेष निपटान के लिए वैकल्पिक तरीकों की जानकारी देंगे.
पर्यावरण संरक्षण को पाठ्यक्रम में विषय के रूप में किया शामिल
पंजाब की पर्यावरण मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा, ‘स्मॉग से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के सकारात्मक प्रभाव 8 से 10 वर्षों में दिखाई देने लगेंगे. प्रांत में पर्यावरण संरक्षण को पाठ्यक्रम में एक विषय के रूप में शामिल किया गया है.’ उन्होंने किसानों से फसल अवशेष जलाने से बचने का आग्रह किया और कहा कि ऐसा करने से न केवल फसलों को नुकसान पहुंचता है, बल्कि उनके बच्चों के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचता है.