Pahalgam Attack Terrorist Sketch: सुरक्षा एजेंसियों ने दक्षिण कश्मीर के पहलगाम के पास हुए आतंकी हमले में शामिल 3 आतंकियों के स्कैच जारी किए. इस हमले में 26 पर्यटक मारे गए, अधिकारियों ने बताया कि संदिग्धों के नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा है. उन्होंने बताया कि तीनों आतंकवादियों के कोड नाम भी थे – मूसा, यूनुस और आसिफ और ये तीनों पुंछ में आतंकी घटनाओं में शामिल थे. हमले में जीवित बचे लोगों की मदद से स्कैच तैयार किए गए हैं.
बताया जा रहा है कि आतंकी जंगल के रास्ते से आए थे और जंगल के रास्ते से ही वापस भी लौट गए. पहलगाम ऊंचाई पर स्थित है, वहां गाड़ियां नहीं जा सकती हैं. लोग खच्चर के जरिए ही वहां यात्रा करते हैं. जिस जगह यह हमला हुआ वहां सिक्योरिटी कम ही रही है. जानकारों का कहना है कि आतंकियों को ये बात पता थी. जिसका उन्होंने फायदा उठाकर यहां हमला कर दिया.
गृहमंत्री अमित शाह ने किया बैसरन का दौरा
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने बुधवार को पहलगाम में बैसरन का दौरा किया। जम्मू कश्मीर में ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर इस पर्यटन स्थल में मंगलवार को आतंकवादियों के नृशंस हमले में 26 लोग मारे गए थे। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां पुलिस नियंत्रण कक्ष में आयोजित शोक समारोह में पुष्पचक्र अर्पित करने के बाद शाह हेलिकॉप्टर से यहां से करीब 110 किलोमीटर दूर बैसरन के लिए रवाना हुए।
#WATCH जम्मू-कश्मीर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बैसारन घाटी का निरीक्षण किया, जहां कल आतंकी हमले में कई लोगों की जान चली गई। pic.twitter.com/se38O5JT3Q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 23, 2025
घाटी में महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों की बढ़ाई गई सुरक्षा
पूरी घाटी में, विशेषकर महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में अधिकतर दुकानें, ईंधन स्टेशन और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. उन्होंने बताया कि शहर भर में केवल आवश्यक वस्तुओं की दुकानें ही खुली रहीं. सार्वजनिक परिवहन भी कम है, लेकिन निजी वाहन सामान्य रूप से चल रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि घाटी में निजी स्कूल भी बंद हैं, लेकिन सरकारी स्कूल खुले हैं. अधिकारियों ने बताया कि बंद का असर घाटी के अन्य जिला मुख्यालयों में भी देखा गया.
पूरी कश्मीर घाटी 35 सालों बाद बंद
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के विरोध में बुधवार को पूरी कश्मीर घाटी में 35 वर्षों में पहली बार बंद देखा गया. इस बंद को समाज के हर वर्ग के लोगों और संगठनों का समर्थन मिला. पहलगाम हमले के विरोध में घाटी में कई स्थानों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन भी हुए, प्रदर्शनकारियों ने हमले की निंदा की. उन्होंने निर्दोष लोगों की हत्या रोकने की मांग की.
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