Pahalgam Terror Attack: कुछ दिन पहले ही शादी के बंधन में बंधे 26 वर्षीय नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल अपनी पत्नी के साथ जम्मू कश्मीर के पहलगाम में छुट्टियां मना रहे थे, तभी आतंकवादियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी. करनाल जिले के भुसली गांव के रहने वाले नरवाल का परिवार करनाल शहर में रहता है. भारतीय नौसेना ने भी आतंकी हमले में नरवाल की मौत की पुष्टि की है.
नौसेना ने लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की मौत पर जताया दुख
नौसेना ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और भारतीय नौसेना के सभी कर्मी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की दुखद मृत्यु से स्तब्ध और बहुत दुखी हैं, जो पहलगाम में हुए नृशंस आतंकवादी हमले में मारे गए. हम इस अकल्पनीय दुख की घड़ी में उनके परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं.’’
उसने लिखा, ”भारतीय नौसेना हिंसा के इस जघन्य कृत्य में अपनी जान गंवाने वाले अन्य सभी लोगों के साथ गंभीर एकजुटता प्रदर्शित करती है. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करते हैं.”
विनय नरवाल के परिवार ने की सख्त एक्शन की मांग
जम्मू-कश्मीर में छुट्टी के दौरान #पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले भारतीय नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार के सदस्य ने कहा, “सरकार से हमारी अपील है कि ऐसे लोगों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए और इस उग्रवाद को किसी भी तरह से खत्म किया जाए ताकि आगे इस तरह की घटनाएं ना हों.”
#WATCH | करनाल: जम्मू-कश्मीर में छुट्टी के दौरान #पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले भारतीय नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार के सदस्य ने कहा, "सरकार से हमारी अपील है कि ऐसे लोगों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए और इस उग्रवाद को किसी भी तरह से खत्म किया जाए ताकि… https://t.co/mCeh6FNzlA pic.twitter.com/Art4ERm02b
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 23, 2025
‘हनीमून मनाने स्विटजरलेैड जाना चाहते थे, लेकिन…’
नरवाल की पड़ोसी सीमा ने बताया कि दिवंगत अधिकारी के घर पर भव्य समारोह हुए थे और न केवल नरवाल परिवार, बल्कि पूरा मोहल्ला शादी के बाद खुशी मना रहा था. उन्होंने करनाल में पत्रकारों को बताया कि नरवाल ने इंजीनियरिंग की और बाद में भारतीय नौसेना में अधिकारी बने. वे स्विट्जरलैंड में हनीमून की योजना बना रहे थे, लेकिन छुट्टियों को देखते हुए कश्मीर जाने का फैसला किया. हम कल्पना नहीं कर सकते कि उनके परिवार पर क्या बीत रही होगी.”