Bihar Election 2025 : नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर बृहस्पतिवार को सवाल खड़े किए और जानना चाहा कि राज्य की वयस्क आबादी का कितना हिस्सा मतदाता सूची में शामिल किया गया है और क्या ‘डुप्लिकेट’ नामों की संख्या लगभग 5.2 लाख है?
चिदंबरम ने एसआईआर पर उठाए सवाल
चिदंबरम ने यह भी कहा कि वह निर्वाचन आयोग पर किसी भी गड़बड़ी का आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन भारत और बिहार के लोग बिहार मतदाता सूची पर निम्नलिखित सवालों के जवाब पाने के हकदार हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, भारत सरकार के अनुसार बिहार की वयस्क आबादी का अनुमान क्या है? बिहार मतदाता सूची में वयस्क आबादी का कितना हिस्सा शामिल किया गया है? और क्या यह 90.7 प्रतिशत है?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, शेष 9.3 प्रतिशत वयस्क आबादी का क्या? उन्हें मतदाता सूची में क्यों शामिल नहीं किया गया है? मतदाता सूची में कितने नाम अस्पष्ट हैं? क्या यह संख्या लगभग 24,000 है? मतदाता सूची में कितने मकान नंबर रिक्त हैं या स्पष्ट रूप से अमान्य हैं? क्या यह संख्या 2,00,000 से अधिक है? पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सवाल किया, क्या चुनाव आयोग पारदर्शिता और निष्पक्षता के हित में कृपया इन सवालों के जवाब देगा?
दो चरणों में होगा बिहार विधानसभा चुनाव
बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद हर स्तर पर इसकी सरगर्मी तेज हो गई है। इसको लेकर प्रशासन के स्तर पर भी प्रशिक्षण का दौर शुरू हो चुका है। इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि पहले चरण के प्रत्याशियों को नामांकन के लिए केवल छह दिन ही मिलेंगे। अधिसूचना जारी होने के साथ 10 को नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी और उसके अगले दो दिनों तक सरकारी अवकाश होने के कारण 11 एवं 12 अक्टूबर को नामांकन की प्रक्रिया नहीं होगी। ऐसे में प्रत्याशियों को 13 से 17 अक्टूबर का ही वक्त मिलेगा। बुधवार को समाहरणालय सभागार में नामांकन प्रक्रिया से संबंधित प्रशिक्षण अधिकारियों को दिया गया। इसमें उक्त आशय की जानकारी दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह ने की।