Jammu and Kashmir : श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को उपराज्यपाल प्रशासन पर निशाना साधते हुए दावा किया कि मनमाने तबादले और राजभवन द्वारा बुलडोजर का इस्तेमाल केंद्र शासित प्रदेश में निर्वाचित सरकार को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा है। अब्दुल्ला बृहस्पतिवार को जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) द्वारा जम्मू में एक पत्रकार के घर सहित कई इमारतों को गिराये जाने पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। इस कार्रवाई की व्यापक आलोचना हुई है। अब्दुल्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा, राजभवन में तैनात अधिकारी निर्वाचित सरकार की अनुमति के बिना और संबंधित मंत्री से परामर्श किए बिना स्वतंत्र रूप से बुलडोजर का इस्तेमाल करते हैं। यह निर्वाचित सरकार की छवि खराब करने की साजिश है।
उमर अब्दुल्ला ने की एलजी प्रशासन की आलोचना
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यही कारण है कि उनकी सरकार अपने विभागों में क्षेत्रीय कर्मचारियों को नियुक्त करने की आवश्यकता पर बल दे रही है।उन्होंने कहा, यह ठीक है कि आप प्रमुख सचिव, आयुक्त सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव आदि की नियुक्ति करते हैं, लेकिन विकास प्राधिकरणों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आदि की नियुक्ति निर्वाचित सरकार द्वारा की जानी चाहिए। राजस्व कर्मचारियों की नियुक्ति हमारी अनुमति से होनी चाहिए। दुर्भाग्य से, हमसे बिना किसी चर्चा के ही अधिकारियों को इन पदों पर नियुक्त कर दिया जाता है। फिर वे अधिकारी कहीं और से आदेश लेकर बुलडोजर निकालते हैं और कार्रवाई शुरू कर देते हैं।
#WATCH | श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, "…क्या जम्मू में यही अकेली जगह थी जहां JDA (जम्मू विकास प्राधिकरण) की ज़मीन पर गैर-कानूनी कब्ज़े का आरोप लगा है? मैंने अब विभाग से उन सभी जगहों की पूरी लिस्ट मांगी है जहां लोग JDA की संपत्ति पर गैर-कानूनी… pic.twitter.com/bfgJjrgmUV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 28, 2025
अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि यह सब एक षड्यंत्र का हिस्सा है और ऐसा प्रतीत होता है कि इन कार्रवाइयों का लक्ष्य एक विशिष्ट समुदाय है। उन्होंने कहा, क्या जम्मू में केवल यही एक जगह है, जहां अतिक्रमण के आरोप लगे हैं? मैंने विभाग से जेडीए की पूरी सूची मांगी है, जहां भी जेडीए की जमीन पर अवैध अतिक्रमण है। मैं यह भी देखना चाहता हूं कि अधिकारियों ने केवल एक व्यक्ति को ही क्यों निशाना बनाया और क्या उसका धर्म इसके पीछे की वजह है। ऐसा नहीं हो सकता कि जेडीए की सभी जमीनों में से केवल एक पर ही अतिक्रमण का आरोप हो। मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के पहले के बयान का जिक्र करते हुए कहा, “लेकिन यह स्पष्ट रूप से दखलअंदाजी का मामला है। कोई मुझे ऐसी कोई फाइल दिखाए, जिसमें यह बताया गया हो कि संबंधित मंत्री को सूचना दी गई या हमारे साथ इस मुद्दे पर कोई चर्चा हुई हो।
अतिक्रमणकारियों के नाम प्रकाशित करने चाहिए : अब्दुल्ला
मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि कोई भी व्यक्ति सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण का समर्थन नहीं करता, लेकिन ‘‘वे लोग जो बुलडोजर का इस्तेमाल कुछ चुनिंदा मामलों में करते हैं और निर्वाचित सरकार की छवि खराब करते हैं, उन्हें अपना रवैया सुधारने की जरूरत है’’। उन्होंने कहा कि यदि संबंधित अधिकारी को निर्वाचित सरकार द्वारा नियुक्त किया गया होता तो वे उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकते थे। उन्होंने कहा, ‘‘आप मंत्री की अनुमति के बिना ऐसा बड़ा कदम कैसे उठा सकते हैं? मुझे यहां किसी साजिश की बू आ रही है।
अगर यह केवल एक बार हुआ होता, तो इसे गलती समझा जा सकता था, लेकिन यह एक सतत ‘पैटर्न’ है, जिसका उद्देश्य केवल निर्वाचित सरकार की छवि खराब करना है, क्योंकि ये लोग चुनाव परिणामों को पचा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने जेडीए के सीईओ को चुनौती दी कि वे अवैध अतिक्रमणकारियों की सूची अखबारों में प्रकाशित करें। अब्दुल्ला ने कहा, उन्हें जम्मू के अतिक्रमणकारियों के नाम प्रकाशित करने चाहिए, फिर देखेंगे कि कौन लोग हैं। केवल धर्म या स्थान के आधार पर लोगों को निशाना बनाना कुछ और नहीं, बल्कि राजनीतिक साजिश को दर्शाता है।




