नई दिल्ली। देश के शीर्ष आठ शहरों में कार्यालय स्थलों की सकल पट्टा मांग के 2025 में नौ करोड़ वर्ग फुट को पार कर जाने की उम्मीद है। रियल एस्टेट सलाहकार कुशमैन एंड वेकफील्ड (सीएंडडब्ल्यू) के अनुसार, कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान बुरी तरह प्रभावित होने के बाद भारतीय कार्यालय बाजार अब भी वृद्धि के दौर में है।
कुशमैन एंड वेकफील्ड की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-जून में आठ प्रमुख शहरों में कार्यालय स्थल की सकल पट्टा मांग 4.17 करोड़ वर्ग फुट रही जबकि एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में यह 4.1 करोड़ वर्ग फुट थी। इसमें कहा गया, जनवरी-जून में तीन शहरों पुणे, चेन्नई और दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कार्यालय स्थल की पट्टा मांग में वृद्धि हुई। मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद और कोलकाता में कार्यालय स्थल की मांग में गिरावट आई।
कुशमैन एंड वेकफील्ड ने कहा, वर्ष 2025 की पहली (जनवरी-जून) छमाही में सकल पट्टा मांग करीब 4.2 करोड़ वर्ग फुट रही। यह क्षेत्र नौ करोड़ वर्ग फुट की वार्षिक पट्टा मांग के आंकड़े को पार करने को तैयार है जो एक नया मानक होगा। इन आठ शहरों में 2024 में कार्यालय स्थल की सकल पट्टा मांग 8.9 करोड़ वर्ग फुट रही थी। कुशमैन एंड वेकफील्ड के भारत, दक्षिण पूर्व एशिया एवं एशिया-प्रशांत के ‘टेनेंट रिप्रेजेंटेशन’ प्रभाग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंशुल जैन ने कहा कि भारत का कार्यालय बाजार मजबूत आर्थिक वृद्धि के दम पर वैश्विक प्रतिस्पर्धियों से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
उन्होंने कहा, इस साल नौ करोड़ वर्ग फुट से अधिक सकल पट्टा मांग का हमारा पूर्वानुमान इस क्षेत्र की संरचनात्मक मजबूती को दर्शाता है… खासकर तब जब हम प्रौद्योगिकी, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं एवं बीमा (बीएफएसआई) और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में निरंतर वृद्धि देख रहे हैं।