अमेठी। अमेठी में इलाज में कथित लापरवाही के कारण एक महिला की मौत के बाद संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किए जाने के पश्चात जिले में एक और निजी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर उसकी सेवाओं पर रोक लगा दी गयी है। जिले के जनता अस्पताल में 15 सितंबर को भर्ती एक महिला की प्रसव के दौरान मौत होने के मामले में डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगने के बाद विभाग ने सोमवार को जनता अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर उसकी सेवाओं पर रोक लगा दी।
अमेठी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अंशुमान सिंह ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद सोमवार को यह कार्रवाई की गयी। इससे पहले 17 सितंबर को जिले के संजय गांधी अस्पताल में 22 वर्षीय एक विवाहिता की मौत के बाद, अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर उसकी सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी। डॉ सिंह ने बताया कि मुसाफिरखाना क्षेत्र के पूरे पहलवान गांव के रहने वाले राम कुमार पाण्डेय ने शिकायत की थी कि वह अपनी बहू को प्रसव के लिए जनता अस्पताल ले गए थे जहां पर ऑपरेशन के दौरान उसकी हालत गंभीर हो गई और उसे इलाज के लिए लखनऊ भेजा गया। पाण्डेय के अनुसार, लखनऊ के अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सीएमओ ने बताया कि शिकायत की अतिरिक्त सीएमओ डॉ राम प्रसाद के नेतृत्व में 3 डॉक्टरों की टीम ने जांच की जिसमे अस्पताल की लापरवाही सामने आई। उन्होंने बताया कि अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर ओपीडी सहित उसकी सेवाओं पर रोक लगा दी गयी है। पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में राम कुमार पाण्डेय ने दावा किया कि उनकी पुत्रवधू सुमन गर्भवती थी और वह नियमित जांच के लिए 15 सितंबर को जनता अस्पताल गयी थी। एक डॉक्टर ने उससे कहा कि उसे ऑपरेशन कराना पड़ेगा। शिकायत के अनुसार, उसी दिन सुमन का ऑपरेशन किया गया और उसने एक बेटी को जन्म दिया लेकिन प्रसव के डेढ़ घंटे बाद उसकी हालत बिगड़ने पर उसे लखनऊ के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि महिला की मौत हो चुकी है। राम कुमार पाण्डेय ने आरोप लगाया कि उनकी पुत्रवधू की मौत जनता अस्पताल में ही हो गयी थी।
कोतवाली पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) विनोद सिंह ने बताया था कि मामले में तहरीर प्राप्त हुई है और इसकी जांच एक उपनिरीक्षक (दरोगा) को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि अमेठी के सीएमओ द्वारा भी जांच कराई जा रही है और उनकी रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जायेगी। इससे पहले अमेठी के राम शाहपुर की महिला मरीज दिव्या शुक्ला 14 सितंबर को पथरी के ऑपरेशन के लिए संजय गांधी अस्पताल में भर्ती हुई थी और उसकी मौत के बाद अस्पताल विवादों में आ गया। दिव्या के पति अनुज शुक्ला ने दावा किया कि उसकी पत्नी को अधिक मात्रा में एनेस्थीसिया (बेहोशी की दवा) दिया गया, जिससे उसकी हालत बिगड़ी और मौत हो गई। इस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज हुई। दिव्या की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया। संजय गांधी अस्पताल का संचालन दिल्ली स्थित संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट करता है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी इस ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं और पार्टी नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा इसके सदस्य हैं।