Jubilee Hills By-Election : हैदराबाद। निर्वाचन आयोग ने 11 नवंबर को जुबली हिल्स विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नामांकन पत्र 21 अक्टूबर तक दाखिल किए जा सकेंगे और नामांकन पत्रों की जांच 22 अक्टूबर को होगी। नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 24 अक्टूबर है।
नामांकन पत्र शेखपेट स्थित निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में जमा किए जाएंगे। जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव 11 नवंबर को होगा और मतगणना 14 नवंबर को होगी। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) विधायक मगंती गोपीनाथ का इस वर्ष जून में हृदयाघात से निधन होने के कारण जुबली हिल्स सीट रिक्त हुई है। तेलंगाना में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस ने वी. नवीन यादव को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि विपक्षी दल बीआरएस ने दिवंगत विधायक की पत्नी मगंती सुनीता को मैदान में उतारा है। भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
बता दें कि तेलंगाना में विधानसभा की खाली इकलौती सीट पर जोरआजमाइश देखने को को मिलेगी। बीआरएस जहां चौथी बार इस सीट पर जीत दर्ज करना चाहेगी, तो वहीं पहली बार सत्ता में आई कांग्रेस इस सीट पर वापसी की कोशिश करेगी। यह सीट 2008 में बनी थी। पहली बार कांग्रेस को जीत मिली थी लेकिन फिर बीआरएस ने कब्जा जमा लिया था।

दूसरे चरण के साथ चुनाव
केंद्रीय चुनाव आयोग ने तेलंगाना की जुबली हिल्स में वोटिंग बिहार के दूसरे चरण के साथ रखी है। जुबली हिल्स विधानसभा के नोटिफिकेशन 13 अक्तूबर को जारी होगा। इसके बाद 20 अक्तूबर नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। 21 अक्तूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 23 अक्तूबर नाम वापस लेने की अंतिम तारीख होगी। इसके बाद फाइनल प्रत्याशी चुनावी मुकाबले में रहेंगे। विधानसभा उपचुनाव के लिए वोटिंग 11 नवंबर को होगी, जबकि मतों की गिनती 14 नवंबर को होगी। इसी दिन बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे भी घोषित होंगे।
चुनाव आयोग ने बिहार में पहली चरण की वोटिंग 6 नवंबर को रखी है। जुबली हिल्स विधानसभा के उपचुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस की जहां परीक्षा होगी तो वहीं यह भी पता चलेगा कि बीआरएस के पास कितनी ताकत बची है क्योंकि पार्टी के प्रमुख केसीआर ने पिछले दिनों अपनी बेटी के कविता को पार्टी ने बर्खास्त कर दिया था। जुबली हिल्स सीट से कांग्रेस में कई दावेदार हैं। पूर्व किक्रेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन अपने दावेदारी ठाेंक रहे हैं, हालांकि यह भी कहा जा रहा है क्यों उन्हें एमएमसी बना दिया गया है। ऐसे में वह रेस से बाहर हो गए हैं।