नई दिल्ली। आजादी के बाद देश में कांग्रेस के शासनकाल में केवल लाइसेंस परमिट राज और लूटराज होने का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दस साल के शासन में अयोध्या में राम मंदिर ही स्थापित नहीं हुआ है, बल्कि देश में रामराज्य भी स्थापित हुआ है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो न्याय यात्रा पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में केवल उन स्थानों से निकाली जा रही है जो बांग्लादेशी घुसपैठियों के केंद्र हैं।
वह वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम केंद्रीय बजट, लेखनुदानों की मांगों, अनुदानों की अनुपूरक मांगों, जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र अंतरिम बजट, जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के लिए लेखानुदानों की मांगों और जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों पर सदन में चर्चा में भाग ले रहे थे। दुबे ने कहा कि आजादी के बाद पिछले करीब 75-77 साल में 60 साल कांग्रेस की सरकारें रहीं, ऐसे में देश में नीतियों को लेकर भाजपा को जिम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि 1947 से 1990 तक जहां कांग्रेस की सरकारों के समय ‘लाइसेंस परमिट कोटा राज’ रहा, जब केवल कांग्रेस समर्थक उद्योगपतियों को ही उद्यम करने का अधिकार होता था, तो 2004 से 2014 तक संप्रग की सरकारों के समय ‘लूट राज’ रहा जिसमें 2जी स्पेक्ट्रम समेत अनेक घोटाले सामने आए। दुबे ने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस की सरकारों ने मुस्लिम तुष्टीकरण के अलावा देश के आम जनमानस के बारे में सोचने की कभी कोशिश ही नहीं की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी की सरकार में 2014 से 2024 तक के दस साल में राम मंदिर ही स्थापित नहीं हुआ, बल्कि देश में रामराज्य भी स्थापित हुआ।’’ दुबे ने पिछले दिनों कांग्रेस सांसद डीके सुरेश के ‘अलग देश’ वाले कथित बयान के परोक्ष संदर्भ में कहा कि कांग्रेस की ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’ वाली सोच की वजह से बंगाल से अलग बांग्लादेश और पंजाब से अलग पाकिस्तान देश बनाया गया था और अब फिर से विभाजन की बात हो रही है।
उन्होंने कहा कि पूरा देश एक है, उत्तर से लेकर दक्षिण तक पूरे देश में पूजा-पाठ संस्कृत भाषा में ही होता है, ऐसे में विभाजन की बात हो रही है। दुबे ने कहा कि दक्षिण भारत के चोल वंश के शासकों ने सनातन धर्म का पूरी दुनिया में प्रसार किया लेकिन विपक्ष के लोग इसकी बात नहीं करते। उनके इस बयान पर द्रमुक के सदस्य आपत्ति जताते देखे गए। दुबे ने कहा कि कोयला, सोना, अभ्रक, एल्युमिनियम समेत समस्त संसाधन उत्तर भारत के राज्यों में हैं, लेकिन ‘‘क्या हमने कभी कांग्रेस पर इनका इस्तेमाल दक्षिण भारत में नहीं होने देने के लिए दबाव बनाया।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा ने देश में दो बड़ी यात्राएं की हैं। दुबे ने कहा कि देश में पुनर्जागरण के लिए सोमनाथ से अयोध्या तक यात्रा निकाली गई थी जिसके परिणामस्वरूप अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाया गया, तो कन्याकुमारी से कश्मीर तक दूसरी यात्रा निकालकर यह संदेश दिया गया कि एक देश में ‘दो विधान, दो निशान, दो प्रधान’ नहीं हो सकते और इसके नतीजतन अनुच्छेद 370 को समाप्त किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों ही संकल्पों को सिद्धि तक पहुंचाया गया और दोनों ही यात्राओं में मोदीजी की सहभागिता थी।’’ दुबे ने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘‘वहीं कांग्रेस की यात्रा का उद्देश्य आपदा में अवसर खोजना है’’। उन्होंने कहा कि पूरे देश को पता है कि मणिपुर के हालात बहुत खराब हैं, लेकिन यह ‘टुकड़े टुकड़े गैंग वाली कांग्रेसी मानसिकता’ थी कि यात्रा को मणिपुर से शुरू किया गया। भाजपा सदस्य ने यात्रा के पड़ाव वाले स्थानों में मुर्शिदाबाद, गोड्डा, मालदा, धुबरी समेत अनेक जगहों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये सभी ‘‘बांग्लादेशी घुसपैठियों के केंद्र’’ हैं। दुबे ने कहा कि इन स्थानों पर जनसंख्या को नियंत्रित करना जरूरी है क्योंकि यहां जनसांख्यिकी बदल रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी यात्रा के दौरान असम में भूपेन हजारिका के जन्मस्थान और झारखंड में बिरसा मुंडा के जन्मस्थल पर नहीं गए। दुबे ने संप्रग सरकार के समय आईबी की एक रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि उस समय एनजीओ और संप्रग की राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य परमाणु संयंत्रों, कोयला खदानों, बांधों, सड़क निर्माण समेत अवसंरचना विकास के कार्यों के खिलाफ आंदोलन करते थे लेकिन कांग्रेस नीत सरकार ने रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने झारखंड में कांग्रेस के एक राज्यसभा सदस्य के ठिकानों पर कुछ दिन पहले छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में नकदी मिलने के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए दावा किया कि झारखंड में कांग्रेस की यात्रा का खर्च इन्हीं सांसद द्वारा वहन किया जा रहा है।