Nimisha Priya Death Sentence Overturned: यमन की राजधानी सना में जेल में बंद केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा को रद्द कर दिया गया है. इस बारे में भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के कार्यालय ने पुष्टि की है. इस तह अब निमिषा का भारत में अपने परिवार के पास वापस लौटने का रास्ता साफ हो गया है.
ग्रैंड मुफ्ती के कार्यालय ने की पुष्टि
ग्रैंड मुफ्ती के कार्यालय ने बताया है कि निमिषा प्रिया की मृत्युदंड की सज़ा, जिसे पहले निलंबित कर दिया गया था, अब रद्द कर दी गई है. सना में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में मृत्युदंड की सज़ा को पूरी तरह से रद्द करने का निर्णय लिया गया, जिसे पहले अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था.
Indian Grand Mufti, Kanthapuram AP Abubakker Muslaiyar’s office says, "The death sentence of Nimisha Priya, which was previously suspended, has been overturned. A high-level meeting held in Sanaa decided to completely cancel the death sentence that was temporarily suspended… https://t.co/tD1NVQtM9C
— ANI (@ANI) July 29, 2025
किस मामले में मिली थी सजा ?
गौरतलब है कि निमिषा प्रिया पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर तालाल अब्दो महदी की हत्या की थी। इस मामले में 2020 में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद 2023 में उनकी अंतिम अपील भी खारिज कर दी गई. अब उन्हें 16 जुलाई 2025 को फांसी दिए जाने की तारीख तय की गई थी. फिलहाल निमिषा यमन की राजधानी सना की जेल में कैद हैं।
निमिषा को क्यों मिली थी सजा
यमन में शरिया कानून के तहत हत्या जैसे मामलों में ‘किसास’ के प्रावधान के अनुसार मौत की सजा दी जाती है. निमिषा प्रिया पर अपने यमनी बिजनेस पार्टनर तालाल अब्दो मेहदी की हत्या का आरोप साबित हुआ, जिसे अदालत ने एक जानबूझकर किया गया अपराध माना. निमिषा के वकील का कहना है कि उसे मुकदमे के दौरान उचित कानूनी सहायता और अनुवादक नहीं मिला, जिससे वह अपना पक्ष सही ढंग से नहीं रख सकी. हत्या के बाद तलाल के परिवार, खासतौर पर उसके भाई अब्देलफत्ताह मेहदी, ने ‘किसास’ (बदले की सजा) की मांग की और ब्लड मनी (मुआवज़ा) लेने से साफ इनकार कर दिया। इसी कारण अदालत ने मौत की सजा बरकरार रखी।