NEET परीक्षा को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है.मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़,जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने NTA,सरकार,CBI और छात्रों से इस मामले में कुछ सवालों के जवाब मांगे थे.केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम को बताया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी 2024’ में न तो इस बात के संकेत मिले हैं कि बड़े पैमाने पर कदाचार हुआ और न ही ऐसे संकेत हैं कि स्थानीय उम्मीदवारों के किसी समूह को लाभ पहुंचा हो.
किसी अनियमितता का संकेत नहीं मिलता : केंद्र सरकार
केंद्र ने कहा कि नीट-यूजी 2024 के नतीजों का डेटा विश्लेषण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने किया और विशेषज्ञों के निष्कर्षों के अनुसार अंक वितरण में घंटी के आकार के वक्र का अनुसरण किया गया जो बड़े पैमाने पर कराई जाने वाली किसी भी परीक्षा में दिखता है जिससे किसी अनियमितता का संकेत नहीं मिलता.
उच्चतम न्यायालय में दाखिल अतिरिक्त हलफनामे में केंद्र ने कहा कि 2024-25 के लिए स्नातक सीटों के वास्ते काउंसिलिंग की प्रक्रिया जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू हो रहे 4 चरणों में की जाएगी.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिनमें नीट यूजी परीक्षा फिर से कराने की मांग की गई है.आपको बता दें कि इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई 2024 को NTA और CBI से पेपर लीक होने के समय और परीक्षा के बीच की अवधि के बारे में जानकारी मांगी थी.केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने नीट यूजी पेपर लीक मामले पर अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है.अब मामले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा.
केंद्र सरकार ने मामले में दिया ये जवाब
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर कहा है कि नीट-यूजी परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली नहीं हुई.इसलिए वह परीक्षा को दोबारा कराने के पक्ष में नहीं है.सरकार की ओर से यह भी कहा गया हैं कि वह यह सुनिश्चित कर रही है कि दोषी किसी भी छात्र को कोई लाभ न मिले.
NTA ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में क्या कहा ?
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने शीर्ष न्यायालय में अलग से एक अतिरिक्त हलफनामा भी दायर किया और कहा कि उसने राष्ट्रीय, राज्य, शहर और केंद्र स्तर पर नीट-यूजी 2024 में अंकों के वितरण का एक विश्लेषण किया है.NTA ने अपने हलफनामे में कहा, ”यह विश्लेषण दिखाता है कि अंकों का वितरण बिल्कुल सामान्य है और ऐसा कोई बाहरी कारक प्रतीत नहीं होता जो अंकों के वितरण को प्रभावित करेगा.”उसने हलफनामे में प्रश्न पत्रों की गोपनीय छपाई,उसे लाने-ले जाने और वितरण के लिए स्थापित व्यवस्था की भी जानकारियां दी.