Vice President Election: केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने रविवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया, जो तमिलनाडु की एक प्रमुख OBC जाति से आते हैं और RSS की पृष्ठभूमि से हैं.
जेपी नड्डा ने किया राधाकृष्णन के नाम का ऐलान
बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक तथा पार्टी के सहयोगी दलों के साथ विचार-विमर्श के बाद यह घोषणा की. नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में व्यापक विचार-विमर्श के बाद राधाकृष्णन के नाम पर फैसला किया गया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की पृष्ठभूमि वाले राधाकृष्णन तमिलनाडु के एक वरिष्ठ भाजपा नेता हैं.
‘आम सहमति बनाने के लिए विपक्ष से होगी बातचीत’
नड्डा ने OBC नेता और दो बार लोकसभा सदस्य रह चुके राधाकृष्णन को इस संवैधानिक पद पर सर्वसम्मति से चुने जाने की अपील करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं ने पिछले सप्ताह विपक्षी दलों से बात की थी और आगे भी करते रहेंगे. विपक्षी नेताओं ने भाजपा वार्ताकारों से कहा है कि वे सत्तारूढ़ गठबंधन के उम्मीदवार के बारे में बताए जाने के बाद ही अपना रुख स्पष्ट कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राधाकृष्णन को लेकर आम सहमति बनाने के लिए उनसे फिर संपर्क करेगी. नड्डा ने राधाकृष्णन को ‘राजनेता’ बताया. राधाकृष्णन के रूप में भाजपा ने एक ऐसे नेता पर भरोसा किया है, जिसकी संगठनात्मक और वैचारिक प्रतिबद्धता सिद्ध है. वह अपने पूर्ववर्ती जगदीप धनखड़ से कई मायनों में बहुत अलग हैं.
राधाकृष्णन एक प्रेरक उपराष्ट्रपति होंगे: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘सीपी राधाकृष्णन ने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में समर्पण, विनम्रता और बुद्धिमत्ता के बलबूते खुद की अलग पहचान बनाई. उन्होंने लिखा, विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने हमेशा सामुदायिक सेवा और हाशिये पर पड़े लोगों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने तमिलनाडु में जमीनी स्तर पर काफी काम किया है.’ प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि राधाकृष्णन एक प्रेरक उपराष्ट्रपति होंगे और संसद में सरकार के एजेंडे को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर कही ये बात
राजग के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में अपने नाम की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, राधाकृष्णन ने मोदी समेत भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेताओं को धन्यवाद दिया. उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘मुझ पर उन्हें जो विश्वास है और उन्होंने मुझे राष्ट्र की सेवा करने का जो अवसर दिया है, उससे मैं अभिभूत हूं. मैं अपनी अंतिम सांस तक राष्ट्र के लिए कड़ी मेहनत करने का आश्वासन देता हूं.’
राधाकृष्णन का निर्वाचन लगभग तय
लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों वाले निर्वाचक मंडल में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के पास पर्याप्त बहुमत होने के कारण, राधाकृष्णन का निर्वाचन लगभग तय है. पार्टी को उम्मीद है कि उनकी पदोन्नति से उसे तमिलनाडु में पैठ बनाने में मदद मिलेगी, जहां अगले साल चुनाव होने हैं. राधाकृष्णन गौंडर जाति से ताल्लुक रखते हैं, जो तमिलनाडु में प्रभावशाली ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समुदाय है.
राधाकृष्णन की पदोन्नति से भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों द्वारा जाति जनगणना और इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार चुनावों से पहले ओबीसी को राजनीतिक प्रतिनिधित्व जैसे मुद्दों पर लुभाने के प्रयासों के खिलाफ जवाबी हमले में भी मदद मिलेगी.
2023 में बनाया गया था झारखंड का राज्यपाल
नड्डा ने राधाकृष्णन के लगभग 40 वर्षों के सार्वजनिक जीवन पर प्रकाश डाला और कहा कि विभिन्न दलों में उनका अच्छा सम्मान है और अपने गृह राज्य में समाज के विभिन्न वर्गों में उनका सम्मान है, जहां भाजपा का स्थान 2 प्रमुख द्रविड़ क्षेत्रीय दलों – सत्तारूढ़ द्रमुक और अन्नाद्रमुक – के बाद आता है. उन्हें एक सम्मानित नेता माना जाता है. राधाकृष्णन को 2023 में झारखंड का राज्यपाल बनाया गया था और फिर जुलाई 2024 में महाराष्ट्र स्थानांतरित कर दिया गया था.
हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी में राजभवन की भूमिका का लगाया था आरोप
हेमंत सोरेन ने लगाया था राजनीतिक साजिश का आरोप
अपने पूर्ववर्ती धनखड़ के विपरीत, राधाकृष्णन ने राज्यपाल के रूप में विवादास्पद राजनीतिक मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने से काफी हद तक परहेज किया है. धनखड़ भी 2022 में राजग के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित होने से पहले उनके जैसे ही राज्यपाल थे. हालांकि, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले साल आरोप लगाया था कि केंद्र की ‘साजिश’ के तहत प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी में राजभवन की भूमिका थी. इसके बाद राधाकृष्णन ने 8 फरवरी 2024 को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोपों का खंडन किया और इस बात पर जोर दिया कि राजभवन ने सभी लोकतांत्रिक मानदंडों का पालन किया है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उपराष्ट्रपति चुनाव की करेंगे निगरानी
सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उपराष्ट्रपति चुनाव की निगरानी करेंगे, जबकि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू मतदान एजेंट होंगे. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है. प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों के अलावा भाजपा नीत गठबंधन के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी राधाकृष्णन के नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया का हिस्सा होंगे. अगर विपक्ष भी अपना उम्मीदवार घोषित कर देता है तो चुनाव 9 सितंबर को होगा. बता दें कि संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन 21 जुलाई को धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक इस्तीफा देने के बाद उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जरूरी हो गया है.