Saturday, October 5, 2024
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विधायक का मराठा आरक्षण पर टिप्पणी करना पड़ा भारी, घर फूंका, पथराव किया, कार को भी जला डाला

छत्रपति संभाजीनगर। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग के लिए जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच सोमवार को बीड जिले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक प्रकाश सोलंके के आवास में आगजनी और पथराव किया गया। विधायक का एक ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद भीड़ ने माजलगांव स्थित सोलंके के आवास पर खड़ी कार को आग लगा दी। इस ऑडियो क्लिप में उन्होंने कथित तौर पर मराठा आरक्षण आंदोलन के बारे में टिप्पणी की थी और भूख हड़ताल कर रहे आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पर परोक्ष टिप्पणी की थी। सोलंके उप मुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा गुट से हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि मराठा आरक्षण मुद्दे के बारे में विधायक सोलंके की एक ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद यह घटना हुई। स्थानीय स्तर पर बंद का आह्वान किया गया था। विधायक के घर और एक कार को कुछ लोगों ने आग लगा दी और पथराव भी किया गया। ऑडियो क्लिप में सोलंके को कथित तौर पर कहते हुए सुना जा सकता है कि यह मुद्दा (मराठा आरक्षण की मांग और सरकार को इसके कार्यान्वयन के लिए 24 अक्टूबर तक 40 दिनों का अल्टीमेटम) बच्चों का खेल बन गया है। उन्होंने जरांगे पर स्पष्ट रूप से कटाक्ष करते हुए कहा, वह व्यक्ति, जिसने ग्राम पंचायत तक का चुनाव नहीं लड़ा है, आज एक चतुर व्यक्ति बन गया है। वहीं, सोलंके ने एक समाचार चैनल से कहा कि घटना के समय वह माजलगांव में थे।

**EDS: SCREENSHOT VIA SOCIAL MEDIA** Beed: Maratha reservation agitators set on fire the residence of NCP MLA Prakash Solanke in Beed, Maharashtra, Monday, Oct. 30, 2023. (PTI Photo)(PTI10_30_2023_000141B)

विधायक ने कहा, आंदोलनकारियों ने मेरे आवास को चारों ओर से घेर लिया और कोई भी सुनने को तैयार नहीं था। मेरे घर पर पथराव किया गया और वाहनों को भी आग लगा दी गई। मैं मराठा आरक्षण की मांग के साथ खड़ा हूं। मैं मराठा समुदाय के समर्थन से चार बार चुनाव जीत चुका हूं और मैं एक मराठा विधायक हूं। मराठा समुदाय के सदस्य अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन ने तब जोर पकड़ लिया, जब सामाजिक कार्यकर्ता जरांगे प्रदर्शन के दूसरे चरण के तहत जालना में अंतरवाली सराटी गांव में 25 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए। उनकी अपील पर कई ग्रामीणों ने गांव में राजनीतिक दलों के नेताओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है।

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