Independence Day : नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि जो क्षेत्र कभी नक्सलवाद के ‘रेड कॉरिडोर’ के रूप में जाने जाते थे, वह आज विकास के ‘ग्रीन कॉरिडोर’ बन रहे हैं। लाल किले की प्राचीर से देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत के नक्शे में जिन क्षेत्रों को लहूलुहान कर दिया गया था, लाल रंग से रंग दिया गया था, हमने वहां संविधान, कानून और विकास का तिरंगा फहरा दिया है।
उन्होंने कहा, यह देश जानता है कि हमारे देश का बहुत बड़ा जनजातीय क्षेत्र नक्सलवाद की चपेट में, माओवाद की चपेट में पिछले कई दशकों से लहूलुहान हो चुका था। सबसे ज्यादा नुकसान मेरे आदिवासी परिवारों को हुआ। आदिवासी माताओं-बहनों ने अपने होनहार बच्चों को खो दिया। नौजवान बेटे गलत रास्ते पर खींच लिए गए, भटकाए गए, उनके जीवन को तबाह कर दिया गया।
मोदी ने कहा, हमने फौलादी हाथ से काम लिया। एक समय था, कभी सवा सौ से ज्यादा जिलों में नक्सलवाद अपनी जड़ें जमा चुका था। माओवाद के चंगुल में हमारे जनजातीय क्षेत्र, हमारे जनजातीय नौजवान फंसे हुए थे और आज सवा सौ जिलों में से कम होते-होते हम इसे 20 पर ले आए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जनजातीय समाज की हमने सबसे बड़ी सेवा की है और आप देखिए एक जमाना था जब बस्तर को याद करते ही माओवाद नक्सलवाद बम-बंदूक की आवाज सुनाई देती थी। उसी बस्तर में माओवाद नक्सल से मुक्त होने के बाद जब बस्तर के नौजवान ओलंपिक करते हैं, हजारों नौजवान भारत माता की जय बोलकर खेल के मैदान में उतरते हैं, पूरा वातावरण उत्साह से भर जाता है, यह बदलाव देश देख रहा है।’’
उन्होंने कहा, भारत के नक्शे में जिन क्षेत्रों को लहू लुहान कर दिया गया था, लाल रंग से रंग दिया गया था, हमने वहां संविधान, कानून और विकास का तिरंगा फहरा दिया है। मोदी ने कहा कि भारत ने इन जनजातीय क्षेत्रों को नक्सलवाद से मुक्त कर करके, जनजातीय परिवार के नौजवानों की जिंदगी बचाकर भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है।