National Herald Case: दिल्ली की एक अदालत ने ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, सोनिया गांधी और 5 अन्य के खिलाफ धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया है. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि वह अदालत के आदेश के खिलाफ अपील दायर करेगा.
कोर्ट ने आदेश में कही ये बात
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि इस मामले में दाखिल चार्जशीट एक निजी व्यक्ति की शिकायत पर की गई जांच पर आधारित है, न कि किसी मूल अपराध से संबंधित प्राथमिकी पर. उन्होंने कहा कि कानून के तहत इस पर संज्ञान लेना स्वीकार्य नहीं है. आदेश के मुख्य हिस्से को पढ़ते हुए न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा पहले ही प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है इसलिए ऐसे में गुण-दोष के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय के तर्कों पर विचार करना अभी जल्दबाजी होगी.
प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी, दिवंगत पार्टी नेताओं मोतीलाल वोरा एवं ऑस्कर फर्नांडिस के अलावा सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ पर आपराधिक साजिश और धनशोधन का आरोप लगाया है.
क्या है पूरा मामला ?
आरोप है कि उन्होंने ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) की लगभग 2,000 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों का अधिग्रहण किया. यह कंपनी ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार का प्रकाशन करती है. जांच एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया है कि गांधी परिवार की ‘यंग इंडियन’ में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जिसने 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले कथित तौर पर धोखाधड़ी से AJL की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया.
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