National Cooperative University : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि गुजरात में सहकारी क्षेत्र के लिए बनने वाला देश का पहला राष्ट्रीय विश्वविद्यालय भाई-भतीजावाद को समाप्त करने का काम करेगा क्योंकि भविष्य में इस क्षेत्र में केवल प्रशिक्षित व्यक्तियों को ही नौकरी मिलेगी। शाह आणंद कृषि विश्वविद्यालय के परिसर में जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान के परिसर में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय (टीएसयू) की आधारशिला रखने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
त्रिभुवन पटेल के नाम से रखा है विश्वविद्यालय का नाम
विश्वविद्यालय का नाम दिवंगत त्रिभुवनदास किशीभाई पटेल के नाम पर रखा गया है, जो भारत में सहकारी आंदोलन के प्रमुखों में से एक थे और जिन्होंने अमूल की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। टीएसयू का निर्माण 500 करोड़ रुपये की लागत से 125 एकड़ पर किया जाएगा।
उन्होंने कहा, विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में लगने वाले भाई-भतीजावाद के आरोपों को दूर करने का काम करेगा। अतीत के विपरीत भविष्य में केवल प्रशिक्षित लोगों को ही इस क्षेत्र में नौकरी मिलेगी। पहले लोगों को काम पर रखा जाता था और फिर प्रशिक्षित किया जाता था।
शाह ने कहा कि विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में प्रशिक्षण की कमी को पूरा करेगा जिससे देश का हर चौथा व्यक्ति या कहें कि लगभग 30 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। शाह ने विश्वविद्यालय का नाम श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन के नाम पर न रखे जाने संबंधी कुछ लोगों की टिप्पणियों पर कहा कि सहकारी क्षेत्र में उनकी भूमिका को कभी नकारा नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा, पटेल साहब (त्रिभुवन पटेल) ने सहकारी आंदोलन की अलख जगाई… यह उनका ही दृष्टिकोण था कि यह क्षेत्र आज मजबूती से खड़ा है। शाह ने कहा कि कांग्रेस के नेता जो इस तरह के सवाल उठा रहे हैं, उन्हें नहीं पता कि पटेल उनकी पार्टी से ही थे और उस समय भाजपा का अस्तित्व ही नहीं था।