Nisar Mission: पृथ्वी का अवलोकन करने वाले सैटेलाइट ‘नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार’ (निसार) को GSLV-S16 रॉकेट के माध्यम से आज अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया जाएगा. यह शाम 5.40 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरेगा और उपग्रह को सूर्य समकालिक ध्रुवीय कक्षा में स्थापित करेगा. ‘निसार’ का वजन 2,392 किलोग्राम है. यह पृथ्वी का अवलोकन करने वाला उपग्रह है. जो दोहरे आवृत्ति सिंथेटिक अपर्चर रडार (नासा का एल-बैंड और इसरो का एस-बैंड) के साथ पृथ्वी का निरीक्षण करेगा.
ISRO अंतरिक्ष में रचेगा इतिहास
अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, ऐसा पहली बार होगा जब यह उपग्रह ‘स्वीप SAR’ प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए 242 किलोमीटर के दायरे और उच्च स्थानिक विभेदन क्षमता के साथ पृथ्वी को स्कैन करेगा. किसी तस्वीर के संबंध में उच्च स्थानिक विभेदन क्षमता का उपयोग होता है, जिसमें तस्वीर में बारीक से बारीक विवरण को साफ-साफ देखा जा सकता है.
GSLV-F16/NISAR | Launch Day has arrived for GSLV-F16 & NISAR. GSLV-F16 is standing tall on the pad. NISAR is ready. Liftoff today at 17:40 hours IST from Sriharikota, Andhra Pradesh: ISRO pic.twitter.com/NJ6d0uuWwI
— ANI (@ANI) July 30, 2025
क्या है इस उपग्रह की खासियत
इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा, ‘‘इसरो और नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया है. इस उपग्रह को 740 किलोमीटर की ऊंचाई पर प्रक्षेपित किया जाएगा. यह उपग्रह किसी भी मौसम में और दिन-रात 24 घंटे पृथ्वी की तस्वीरें ले सकता है. यह भूस्खलन का पता लगाने, आपदा प्रबंधन में मदद करने और जलवायु परिवर्तन की निगरानी करने में भी सक्षम है.यह उपग्रह भारत, अमेरिका और पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होगा… यह पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है.’