जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि ओबीसी आरक्षण और जातिगत जनगणना के बिना नारी शक्ति वंदन अधिनियम अधूरा है। जयपुर में एक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में गहलोत ने कहा कि महिलाओं को राजनीति में उचित प्रतिनिधित्व देने का जो ऐतिहासिक कार्य पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने किया था, उसे सोनिया गांधी ने आगे बढ़ाया।
उन्होंने कहा यह विधेयक विपक्ष के दबाव एवं चुनावी दौर में राजनीतिक लाभ के लिए लाया गया है, हालांकि, ओबीसी आरक्षण एवं जातिगत जनगणना के बिना यह अधूरा है। केंद्र सरकार को जातिगत जनगणना कराकर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना होगा। वर्तमान सरकार ने जो फैसला किया है.. उसका तो सबने स्वागत किया है.. सपना राजीव गांधी का था.. लंबा संघर्ष किया अंतत: मानना पड़ा उसको.. ये चाहते तो 9 साल पहले कर सकते थे, क्योंकि इनके पास पूरा बहुमत था.. अगर मेजोरिटी आपके पास है तो काम आसान हो जाता है। तब भी इन्होंने इसको नहीं किया है। अब चुनाव भी आ रहे हैं। यह समझ गये हैं कि विपक्ष (इंडिया गठबंधन) जातिगत जनगणना का मुद्दा बना रहा है तो जातिगत गणना भी महत्वपूर्ण है। भारत सरकार को चाहिए वो खुद ही आगे आकर के, जो सोनिया गांधी और कई विपक्षी पार्टियों की भावना थी कि आप एससी/एसटी/ओबीसी को आरक्षण करो.. महिलाओं के 33 प्रतिशत आरक्षण में उनका भी आरक्षण करो.. तब जाकर सभी जातियों को, सभी वर्गों को उसमें आने का मौका मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 25 सितंबर को प्रस्तावित यात्रा पर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए गहलोत ने कहा मोदी आये.. अमित शाह आये उनको एक कैंप कर लेना चाहिए राजस्थान के अंदर स्थायी रूप से.. बार बार आना पड़ता है उनको। गुजरात में भी ऐसे ही किया उन्होंने अप एंड डाउन.. अप एंड डाउन.. जरूरत क्या है उसकी। उनका टारगेट राजस्थान ही है.. किसी कीमत पर राजस्थान को कैसे जीते.. सरकार तोड़ नहीं पाये वो उनके दिल में यह जलन है.. आग लगी हुई है.. हम वहां कामयाब क्यों नहीं हुए। गहलोत ने कहा ये जो उनके दिल में दर्द है.. वो मैं तो मिटा नहीं सकता.. वो चाहते है येन केन प्रकारेण.. साधनों की कमी नहीं है उनके पास में .. साम, दाम, दंड, भेद (इनकम टैक्स, ईडी,) को भेज दिया। टारगेट हमारी सरकार है.. मैं खुद भी हूं।