Sonam Wangchuk : नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि एंगमो ने मंगलवार को कहा कि उनके पति को “राष्ट्र विरोधी” के तौर पर पेश करने के लिए झूठी बातें फैलाई जा रही हैं। लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग से संबंधित आंदोलन की अगुवाई करने वालों में शामिल वांगचुक को 24 सितंबर को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के मामले में शुक्रवार को लेह में कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था। हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और सुरक्षाकर्मियों समेत कई अन्य घायल हो गए थे। बाद में उन्हें राजस्थान के जोधपुर की एक जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।
सोनम वांगचुक पर एनएसए लगाने की कोई जरूरत नहीं थी : एंगमो
एंगमो ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए अधिकारियों को आरोपों पर खुली बहस की चुनौती दी, जिसमें पाकिस्तान से संबंध रखने वाले आरोप भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि न तो वह वांगचुक से संपर्क कर पाई हैं और न ही प्रशासन ने उन्हें वांगचुक के खिलाफ आरोपों का विवरण देने वाले औपचारिक दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं। एंगमो ने दावा किया, ‘सोनम वांगचुक पर एनएसए लगाने की कोई जरूरत नहीं थी; वे एकतरफा बयान दे रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि वह खुद को ‘लगभग नजरबंद’ महसूस कर रही थीं और उन्होंने अपनी बात कहने के लिए राष्ट्रीय राजधानी आने का फैसला किया।

एंगमो ने कहा कि लद्दाख आंदोलन को कमजोर करने के लिए यह स्थिति पैदा की गई। उन्होंने दावा किया कि वांगचुक के संगठनों हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (एचआईएएल) और लद्दाख के छात्रों के शैक्षिक व सांस्कृतिक आंदोलन (एसईसीएमओएल) ने सीबीआई और आयकर विभाग के अधिकारियों को सभी स्पष्टीकरण दस्तावेज प्रदान किए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘हमारे खिलाफ साजिश रची जा रही है। हमने सीबीआई से लेकर आयकर विभाग तक के अधिकारियों को सभी दस्तावेज सौंप दिए हैं, फिर भी सोनम को बदनाम किया जा रहा है, ताकि आंदोलन को कमजोर किया जा सके।’