लखनऊ, बांदा जेल में माफिया नेता मुख्तार अंसारी की मौत के मामले की न्यायिक जांच के लिए शुक्रवार को एक अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को नामित किया गया.एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.मुख्तार अंसारी को गुरुवार को तबीयत बिगड़ने के बाद बांदा जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी. बांदा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) भगवान दास गुप्ता की ओर से जारी आदेश के मुताबिक मामले की जांच के लिए गरिमा सिंह अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सांसद-विधायक अदालत बांदा) को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है.
न्यायिक जांच के लिए बेटे ने लिखा था पत्र
पत्र के मुताबिक वरिष्ठ अधीक्षक जिला कारागार बांदा द्वारा 28 मार्च को मुख्तार अंसारी की मौत के मामले की न्यायिक जांच के लिए अधिकारी नामित करने की याचना की गई थी.सीजेएम ने नियुक्त जांच अधिकारी से 1 माह के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी है.इसके पहले कारागार महानिदेशक एसएन साबत ने पीटीआई से कहा कि मामले की न्यायिक जांच होगी.
परिजनों ने लगाया था धीमा जहर देने का आरोप
गौरतलब है कि मुख्तार के परिजनों ने अंसारी को जेल में धीमा जहर देने का आरोप लगाया था,गाजीपुर के सांसद और मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी ने मंगलवार को पीटीआई से कहा था कि ”मुख्तार ने उन्हें बताया था कि करीब 40 दिन पहले भी उन्हें जहर दिया गया था और हाल ही में शायद 19 या 22 मार्च को फिर ऐसा किया गया, जिसके बाद से उनकी हालत खराब है.
वकील ने भी कही थी धीमा जहर देने की बात
अफजाल ने कहा था कि 21 मार्च को बाराबंकी की अदालत में एक मामले की डिजिटल माध्यम से सुनवाई के दिन मुख्तार के वकील ने अदालत में दरख्वास्त दी थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके मुवक्किल को जेल में ‘धीमा जहर’ दिया गया है जिससे उनकी हालत बिगड़ती जा रही है.