भोपाल। मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों पर 2 हजार 533 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करने के लिए शुक्रवार को मतदान होगा, जिनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके पूर्ववर्ती और प्रतिद्वंद्वी कमलनाथ जैसे राजनीतिक दिग्गज शामिल हैं। इस चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस के बीच काफी हद तक सीधी लड़ाई है। एक शीर्ष चुनाव अधिकारी ने बताया कि राज्य में 5.6 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाता हैं। राज्य में कुल 64,626 मतदान केंद्र बनाये गये हैं।
उन्होंने बताया कि सभी 230 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान के लिए सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। अधिकारी के मुताबिक, 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए और 35 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) अनुपम राजन ने संवाददाताओं से कहा कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा।
उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित होने की वजह से बालाघाट जिले की बैहर, लांजी और परसवाड़ा, मंडला जिले की बिछिया और मंडला सीटों के 55 बूथ और डिंडोरी जिले के 40 मतदान केंद्रों पर मतदान का समय सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक होगा।
सीईओ ने कहा कि इनमें से 64,523 मुख्य बूथ और 103 सहायक केंद्र हैं, जहां मतदाताओं की संख्या 1,500 से अधिक है। राजन ने बताया कि 2,87,82,261 पुरुष, 2,71,99,586 महिला और 1,292 तृतीय लिंग के व्यक्तियों सहित 5,60,58,521 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं।
कुल 2,533 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें 2,280 पुरुष, 252 महिलाएं और एक तृतीय लिंग का व्यक्ति है। अधिकारी ने कहा, ‘महत्वपूर्ण’ मतदान केंद्रों की संख्या 17,032 है, जबकि 5,260 बूथों पर सभी मतदान कर्मी महिलाएं होंगी।
जिन बूथों पर पिछले चुनावों के दौरान बहुत अधिक मतदान हुआ या किसी प्रकार की हिंसा देखी गई, उन्हें ‘महत्वपूर्ण मतदान केंद्र’ के रूप में नामित किया गया है।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए 183 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
सीईओ राजन ने कहा कि पहली बार युवा-प्रबंधित 371 बूथ स्थापित किए गए हैं, जबकि ‘मॉडल’ मतदान केंद्रों की संख्या 2,536 है।
उन्होंने कहा कि 57 ‘हरित’ (पर्यावरण-अनुकूल केंद्र) बूथ भी स्थापित किए गए हैं जिनमें से 50 जबलपुर में और सात बालाघाट में हैं।
राजन ने कहा कि चुनाव के दौरान कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए 1,90,233 व्यक्तियों के खिलाफ निषेधाज्ञा कार्रवाई की गई और 2,69,318 लाइसेंसी हथियार अधिकारियों के पास जमा किए गए, चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के लिए 1,142 प्राथमिकियां दर्ज की गईं।
उन्होंने कहा कि 52 जिलों में 230 विधानसभा सीटों पर मतदान कराने के लिए कुल 73,622 बैलेट यूनिट (बीयू), 64,626 सेंट्रल यूनिट (सीयू) और 64,626 वीवीपीएटी (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) इकाइयों का इस्तेमाल किया जाएगा।
अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र से सटे गोंदिया में एक एयर एम्बुलेंस तैनात की गई है। उन्होंने कहा कि मतदान पूरा होने तक बालाघाट में एक हेलीकॉप्टर तैनात किया गया है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए भोपाल में एक और हेलीकॉप्टर तैयार रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान (बुधनी) और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (छिंदवाड़ा) के अलावा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से तीन केंद्रीय मंत्री – नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर-1 से चुनाव लड़ रहे हैं और भाजपा के तीन लोकसभा सांसद – राकेश सिंह, गणेश सिंह और रीति पाठक भी मैदान में हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बेटे और पूर्व राज्य मंत्री जयवर्धन सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह क्रमशः अपनी पारंपरिक राघौगढ़ और चुरहट सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं।
कांग्रेस और भाजपा के अलावा, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी सहित अन्य ने भी अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।
चुनाव प्रचार बुधवार शाम को समाप्त हो गया। चुनाव लड़ने वाली पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने राज्य भर में रैलियां कीं व रोड शो किए और अपनी-अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगने के लिए कई वादे किए।
चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और चौहान सहित अन्य लोगों ने भाजपा के उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के वास्ते रैलियों को संबोधित किया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह सहित अन्य ने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए रैलियों को संबोधित किया।
चुनाव की घोषणा के बाद मोदी ने राज्य की नौ यात्राएं कीं और 14 जनसभाओं को संबोधित किया। सत्ता बरकरार रखने के लिए भाजपा को प्रधानमंत्री के करिश्मे पर पूरा भरोसा है।
साल 2018 के चुनाव के बाद 114 सीटों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और उसने कमलनाथ के नेतृत्व में बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों की मदद से सरकार बनाई।
हालांकि मार्च 2020 में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके प्रति वफादार कांग्रेस विधायकों के विद्रोह के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई और चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ।