नई दिल्ली। संसद के 20 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। एक ओर जहां सत्ता पक्ष महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने का प्रयास करेगा, वहीं दूसरी ओर विपक्ष मणिपुर हिंसा, रेल सुरक्षा, महंगाई और अडाणी मामले पर जेपीसी गठित करने की मांग सहित अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।
केंद्र की भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने मानसून सत्र से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं के बीच आम सहमति बनाने के लिये 19 जुलाई को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। लोकसभा सचिवालय की बुलेटिन के अनुसार, संसद के मानसूत्र सत्र या 17वीं लोकसभा के 12वें सत्र के दौरान लिये जाने वाले सरकारी कार्यों की संभावित सूची में 21 नये विधेयकों को पेश व पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। इसमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 भी शामिल है। यह विधेयक संबंधित अध्यादेश का स्थान लेने के लिए पेश किया जाएगा। सरकारी सूत्रों से जानकारी मिली कि सत्र में महत्वपूर्ण विधेयक पेश किये जाने हैं, ऐसे में सभी दलों को सत्र चलाने में सहयोग करना चाहिए क्योंकि सरकार नियम व प्रक्रिया के तहत किसी भी विषय पर चर्चा कराने से पीछे नहीं हट रही है।
मणिपुर हिंसा, रेल सुरक्षा, संघीय ढांचे पर कथित आक्रमण, महंगाई, अडाणी मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग, महिला पहलवानों के उत्पीड़न पर चर्चा कराने सहित अन्य मुद्दों पर विपक्ष के हमलावर रुख को देखते हुए सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है। कांग्रेस के नेता के. सुरेश ने कहा, ‘‘हाल में पार्टी की संसदीय रणनीति समूह की बैठक हुई, जिसमें तय किया गया कि हम मणिपुर हिंसा,रेल सुरक्षा,संघीय ढांचे पर आक्रमण, जीएसटी को पीएमएलए के दायरे में लाने और महंगाई पर चर्चा कराने की मांग करेंगे।’’ संसद का मानसून सत्र बृहस्पतिवार से शुरू होगा। 23 दिनों का यह सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं।