भुवनेश्वर. आदिवासी नेता मोहन चरण माझी ने बुधवार को ओडिशा के 15वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की। राज्यपाल रघुवर दास ने भुवनेश्वर में आयोजित समारोह में माझी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के सीएम योग आदित्यनाथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और ओडिशा के निवर्तमान सीएम नवीन पटनायक समेत तमाम नेता शामिल हुए।
केवी सिंह देव और प्रभाती परिदा ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। ओडिशा की नई सरकार में मोहन माझी के साथ कुल 16 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। सुरेश पुजारी, रबि नारायण नाइक, नित्यानंद गोंड और कृष्ण चंद्र पात्रा ने कैबिनेट में मंत्री के रूप में शपथ ली। भाजपा विधायक दल की बैठक में मंगलवार को क्योंझर से चार बार के विधायक मोहन माझी को ओडिशा का अगला मुख्यमंत्री नामित किया गया था।
2000 में पहली बार विधायक बने मोहन माझी
मोहन माझी ने सरपंच के रूप में राजनीति करियर शुरू किया और 1997 से 2000 तक सरपंच के रूप में कार्य किया। पहली बार वर्ष 2000 में क्योंझर से विधायक चुने गए। इस बार चौथी बार यहीं से विधायक चुने गए। इससे पहले 2000, 2004 और 2019 में विधायक चुने गए थे। भाजपा नेता माझी बीजेडी-भाजपा गठबंधन सरकार में उप-मुख्य सचेतक के रूप में कार्य कर चुके हैं। दोनों दल 2005 से 2009 तक राज्य में गठबंधन में थे।
माझी भाजपा के जुझारू कार्यकर्ता हैं। वे लोगों की सेवा और संगठनात्मक कौशल के लिए जाने जाते हैं। मुख्यमंत्री पद के लिए उनका चयन ओडिशा में एक मजबूत आदिवासी दृष्टिकोण को दर्शाता है। मोहन माझी के चुनावी हलफनामे के अनुसार उन्होंने 1987 में झुमपुरा हाई स्कूल से 10वीं और 1990 में आनंदपुर कॉलेज से 12वीं कक्षा पास किया। इसके बाद उन्होंने क्योंझर के चंपुआ में चंद्रशेखर कॉलेज से बीए की डिग्री और ढेंकनाल लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की। चुनावी हलफनामे के मुताबिक मोहन माझी के ऊपर दो केस दर्ज हैं।