जयपुर। राजस्थान सरकार के एक मंत्री को अपने बयानों के कारण मंत्री पद गवाना पड़ा । अपनी सरकार के खिलाफ बयान देकर हमेशा चर्चा में रहने वाले उदयपुर वाटी के विधायक राजेंद्र गुढ़ा को शुक्रवार शाम को सीएम की अनुशंसा पर राज्यपाल ने मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया । उदयपुर वाटी से विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने बसपा के टिकिट पर चुनाव लड़ा था बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए । विधायक राजेंद्र गुढ़ा के पास सैनिक कल्याण, होम गार्ड एवं नागरिक सुरक्षा मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार था साथ में इनके पास पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग भी था। विधानसभा में चल रहे मानसून सत्र के दौरान विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने महिला अत्याचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरा था।
AIMIM का दामन थाम सकते है गुढा
विधायक राजेन्द्र सिंह गुढ़ा 2 बार बसपा से विधायक बने और एक बार चुनाव हार गए. चुनाव में मिली हार को जीत में बदलने के लिए गुढ़ा ने बसपा का दामन थाम लिया था. बसपा के टिकट पर गुढ़ा को जीत मिली. उसके बाद कांग्रेस पार्टी में आ गए. अशोक गहलोत सरकार में गुढ़ा को मंत्री बनाया गया. स्वतंत्र प्रभार मंत्री का दायित्व दिया गया था. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा अब AIMIM का दामन थाम सकते है पिछले दिनो एक जनसभा के पार्टी के चीफ असद्दुदीन ओवैसी विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने चुपके से मुलाकात की था अब देखना यह होगा कि मंत्री पद जाने के बाद विधायक राजेंद्र गुढ़ा किस और जाते है
इस बयान से गया मंत्री पद
विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान एक बयान दिया था इस बयान में गुढा ने अपनी सरकार के खिलाफ विधानसभा में सवाल उठाए थे। मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए अत्याचार के मामलों की तुलना गुढ़ा ने राजस्थान से करते हुए कहा कि ‘राजस्थान में भी महिलाओं के साथ बहुत अत्याचार हो रहा है। सरकार को मणिपुर के बजाय राजस्थान में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों पर ध्यान देना चाहिए। दूसरे राज्य के बजाय खुद के गिरेबान में झांकना चाहिए’ । इस बयान के बाद सीएम अशोक गहलोत ने राज्यपाल को पत्र भेजकर राजेन्द्र गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त करने की अनुशंसा की। राज्यपाल ने गहलोत की अनुशंसा को स्वीकार कर लिया और राजेंद्र गुढ़ा मंत्री मंडल से बर्खास्त कर दिया गया।
शिवसेना का भी थाम सकते है दामन
शुक्रवार को विधानसभा में बयान देने के बाद सीएम की अनुशंशा पर राज्यपाल ने विधायक राजेंद्र गुढा को मंत्री मण्डल से बर्खास्त कर दिया था अब सूबे में सूत्रों के हवाले से यह खबर हो रही है कि विधायक राजेंद्र गुढ़ा जल्द ही शिवसेना का दामन थाम सकते है राजस्थान में शिंदे गुट की कमान चंद्रराज सिंघवी के हाथों में है. चंद्राराज सिंघवी ने कहा कि गुढ़ा ने सही बात कही है. हम गुढ़ा का सम्मान करते हैं. शिवसेना शिंदे गुट गुढ़ा के साथ है. वो साथ आना चाहे तो सम्मान पूर्वक स्वागत है.