जयपुर। नर्सिंगकर्मियों की महारैली के कारण प्रदेशभर के अस्पतालों में शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाएं गड़बड़ा गईं। इलाज के लिए मरीज तरसते रहे। घंटों तक इंतजार करने के बावजूद न तो उनकी सुनवाई डॉक्टर कर पाए और न ही अस्पतालों में नर्सिंगकर्मियों की मौजूदगी दिखाई दी। सवाई मानसिंह अस्पताल सहित प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में पूरा दिन ही मरीजों के लिए दर्दभरा रहा।
इलाज के लिए अलसुबह से अस्पताल पहुंचे मरीजों के लिए स्ट्रेचर और व्हीचेयर भी उनके ही परिजनों ने तलाश की। इस दौरान अनेक अस्पतालों में पर्ची काउंटर से भी स्टाफ नदारद दिखाई दिया। नर्सिंगकर्मियों के नहीं होने से जनरल ओपीडी के साथ ही आपातकालीन सेवाएं भी ठप हो गई और इसके कारण इमरजेंसी में होने वाले ऑपरेशन भी टालने पड़े। इस दौरान मरीजों को बिना इलाज के बैरंग लौटना पड़ा.
असल में, शुक्रवार को राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर नर्सिंगकर्मियों ने महारैली निकाली। इसमें प्रदेशभर से हजारों नर्सिंगकर्मी शामिल हुए और राज्य सरकार से 11 सूत्री मांग पत्र पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की। रैली की शुरुआत की शुरुआत सुबह सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के द्वार से हुई, जिसमें लगातार नर्सिंगकर्मियों की संख्या बढ़ती गई। न्यू गेट होती हुई रैली नारेबाजी करते हुए रामलीला मैदान पहुंची, जहां विशाल जनसभा हुई। यहां पर कई कर्मचारी नेताओं ने सभा को सम्बोधित किया.
मुख्यमंत्री से नहीं हो पाई मुलाकात
समिति पदाधिकारियों को रैली के बाद पुलिस अधिकारी अपने साथ मुख्यमंत्री कार्यालय लेकर गए, लेकिन वहां मुख्यमंत्री नहीं मिले। इसके बाद प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने उनके विशेषाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और तत्काल नर्सिंगकर्मियों की समस्याओं के समाधान की मांग की। विशेषाधिकारी ने उनकी मांग पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया।
रोजाना दो घंटे गेट मीटिंग एवं धरना-प्रदर्शन
नर्सिंगकर्मियों की ओर से प्रदेश प्रवक्ता अनेश सैनी ने बताया कि इस कड़ी में 28 अगस्त को सभी जिला मुख्यालयों पर नर्सेज प्रदर्शन करेंगे और वादा निभाओ दिवस मनाते हुए जिला कलक्टरों को मुख्यमंत्री के नाम हड़ताल का नोटिस देंगे। यह भी निर्णय लिय गया कि हड़ताल की तारीख तक प्रतिदिन दो घंटे गेट मीटिंग एवं धरना- प्रदर्शन का दौर जारी रहेगा।