Mauritius PM in Varanasi : वाराणसी। मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने वाराणसी की अपनी यात्रा के तीसरे दिन पत्नी के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया। जिला प्रशासन ने एक बयान में यह जानकारी दी। बयान के अनुसार दर्शन-पूजन के दौरान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना उनके साथ मौजूद थे। मॉरीशस के प्रधानमंत्री के लिए पूजा कराने वाले काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी टेकनारायण उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने देश की समृद्धि और जन कल्याण के लिए बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना की। पुजारी नीरज पांडे ने बताया कि रामगुलाम को बाबा का प्रसाद दिया गया और चंदन का लेप लगाया गया।
मॉरीशस के पीएम ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए
मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने बाबा (विश्वनाथ) से दोनों देशों की समृद्धि और संबंधों की मजबूती के लिए भी प्रार्थना की। मॉरीशस के प्रधानमंत्री को देखकर बाबा के भक्तों ने भी हर-हर महादेव का जयकारा लगाया। प्रधानमंत्री ने सभी का अभिवादन स्वीकार किया। बयान में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री को गुलाबी मीनाकारी से बनी जीआई टैग वाली श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की प्रतिकृति भेंट की। बयान के अनुसार वाराणसी के लोगों ने ताज होटल से लेकर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक मॉरीशस के प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया। इस दौरान पूरे मार्ग पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और रूट डायवर्जन भी किया गया था।

रामगुलाम नौ सितंबर से 16 सितंबर तक भारत की यात्रा पर हैं। वह बुधवार को वाराणसी पहुंचे थे, जहां उनका स्वागत राज्यपाल पटेल और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने किया था। उन्होंने बृहस्पतिवार शाम वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर प्रसिद्ध गंगा आरती में भी भाग लिया। अपनी पत्नी और टीम के साथ आए रामगुलाम ने प्राचीन शहर के जगमगाते अर्धचंद्राकार घाटों पर गंगा नदी की सैर का भी आनंद लिया। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण गंगा आरती संस्था की छत पर आयोजित की गई। छत को फूलों से सजाकर आरती के स्थान को दैनिक गंगा आरती के समान रखा गया था।

अलकनन्दा क्रूज लाइन के निदेशक विकास मालवीय ने अंगवस्त्र और श्री राम की चरणपादुका देकर मॉरीशस के प्रधानमंत्री का क्रूज पर स्वागत एवं अभिनंदन किया। क्रूज पर मेहमानों को काशी के घाटों और सदियों से गंगा किनारे खड़ी धार्मिक एवं ऐतिहासिक इमारतों के बारे में विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी गई। बयान के अनुसार क्रूज पर खास बनारसी खान-पान का भी इंतजाम किया गया था, जिसमें बनारसी चाट, कुल्फी, ठंडाई, लस्सी और पान आदि शामिल थे।