Marathi language controversy: महाराष्ट्र के विरार में मराठी (भाषा) विरोधी टिप्पणी करने और इस भाषा को बोलने से इनकार करने पर एक ऑटोरिक्शा चालक पर सार्वजनिक रूप से हमला करने के आरोप में शिवसेना (उबाठा) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के पदाधिकारियों समेत 20 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि 20 आरोपियों में से 13 की पहचान कर ली गई है। व्यापक रूप से प्रसारित एक वीडियो में उत्तर प्रदेश के रहने वाले ऑटोरिक्शा चालक राजू पटवा को 12 जुलाई को विरार रेलवे स्टेशन के पास एक व्यस्त सड़क पर एक समूह के लोग थप्पड़ मारते नजर आ रहे हैं। मारपीट करने वालों में महिलाएं भी शामिल हैं।
चालक को उस व्यक्ति और उसकी बहन से माफ़ी मांगने के लिए मजबूर किया गया, जिनके साथ उसने कथित तौर पर पहले दुर्व्यवहार किया था। चालक को महाराष्ट्र और उसकी भाषाई और सांस्कृतिक विरासत का ‘अपमान’ करने के लिए राज्य से भी माफी मांगने के लिए मजबूर किया गया। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि चालक ने मराठी भाषा, महाराष्ट्र और मराठी प्रतीकों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी।
चालक पर हमला उसके एक वीडियो के कारण हुआ जो सोशल मीडिया पर सामने आया था। चालक के इस वीडियो पर सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों और स्थानीय राजनीतिक समूहों की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की गई थीं। घटनास्थल पर शनिवार को मौजूद रहे शिवसेना (उबाठा) के विरार शहर प्रमुख उदय जाधव ने कहा कि जो कोई भी मराठी भाषा, महाराष्ट्र या मराठी लोगों का अपमान करने की हिम्मत करेगा, उसे शिवसेना की शैली में जवाब दिया जाएगा।
घटना पर आक्रोश के बीच पुलिस ने धारा 189(2) (गैरकानूनी सभा), 190 (गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य सामान्य उद्देश्य के लिए किए गए अपराध का दोषी), 191(2) (दंगा), 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), और धारा 351(2) (आपराधिक धमकी) के तहत 20 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के प्रावधान भी लागू किए गए हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘करीब 20 लोगों का एक समूह 12 जुलाई को विरार के मरजेतिया नाका रिक्शा स्टैंड पर गैरकानूनी तरीके से एकत्र हुआ। इस समूह ने एमबीवीवी (मीरा भयंदर वसई विरार) पुलिस आयुक्त के निर्देशों के तहत लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया।’ उन्होंने बताया कि कथित तौर पर शिवसेना (उबाठा) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों वाले इस समूह ने चालक राजू पटवा को जबरन रोक लिया। उन्होंने कहा, ‘‘समूह के लोगों ने चालक से मराठी बोलने के लिए कहा और उसे माफी मांगने के लिए मजबूर किया। इसके बाद उस पर हमला कर दिया और धमकाया।’ उन्होंने कहा कि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है और पुलिस प्राथमिकी में दर्ज हर व्यक्ति की भूमिका की पुष्टि करने समेत मामले की जांच कर रही है।