छत्रपति संभाजीनगर। कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार को दोहराया कि अगर मराठा समुदाय को आरक्षण देने की उनकी मांग महाराष्ट्र सरकार ने पूरी नहीं की तो वे बुधवार शाम से पानी पीना बंद कर देंगे। जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में 25 अक्टूबर से अनशन कर रहे जरांगे ने संवाददाताओं से कहा कि सभी दलों के नेताओं को महाराष्ट्र सरकार से राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने और मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए कहना चाहिए।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसक रूप ले चुके मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच राज्य की स्थिति पर चर्चा करने के लिए बुधवार को मुंबई में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने पूर्व में कहा कि शिंदे स्थिति से निपटने के लिए सरकार की योजनाओं के बारे में विपक्षी नेताओं को अवगत कराएंगे और उनका समर्थन मांगेंगे।
जरांगे ने कहा, सभी दलों के नेता जो मुंबई में हैं, उन्हें राज्य सरकार से राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने और मराठा आरक्षण की घोषणा करने के लिए कहना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो मैं बुधवार शाम से पानी पीना छोड़ दूंगा। आंदोलन बंद नहीं होगा और शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों को हिंसा प्रभावित बीड जिले के केज में पुलिस ने हिरासत में लिया था, लेकिन अब उन्हें रिहा कर दिया गया है।
जरांगे ने कहा, नेताओं को अब इस मुद्दे पर नहीं बोलना चाहिए। वे हमसे मीठी-मीठी बातें करते हैं लेकिन आंदोलनकारियों के खिलाफ मामले दर्ज करते हैं। यही कारण है कि भाजपा का पतन हो रहा है। कार्यकर्ता ने कहा कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर हिंसा के बाद बीड और जालना में इंटरनेट सेवाएं निलंबित किए जाने से लोग गुस्से में हैं।
जरांगे ने सरकार में नेताओं पर निशाना साधते हुए दावा किया, आप मराठा युवाओं का करियर बर्बाद कर रहे हैं। लेकिन आपका करियर बर्बाद करना मराठा समुदाय के हाथ में है।
महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को एक आदेश प्रकाशित किया जिसमें संबंधित अधिकारियों से मराठा समुदाय के सदस्यों को नए कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने के लिए कहा गया, जिससे कि उनके लिए ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण लाभ प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हो सके।