नई दिल्ली/जयपुर, 03 अगस्त। भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर चौतरफा घिरी राजस्थान की गहलोत सरकार पर केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को जोरदार तंज कसा। उन्होंने कहा कि अभी तो भ्रष्टाचार की लाल डायरी ही आई है। कई सतरंगी डायरियां आनी बाकी हैं, जिस दिन वे बाहर आएंगी, कांग्रेस के कई नेता पर्दे में छिपने को मजबूर हो जाएंगे। बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के घर पुलिस पहुंचने पर उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत जी ने अपने ही पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के घर पुलिस भेज दी है। जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाले अब क्या पुलिस का सदुपयोग कर रहे हैं?
शेखावत ने प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था के हालात पर जोरदार हमला बोला और कहा कि कुर्सी के द्वंद के चलते सरकार के मुखिया की प्राथमिकता कुर्सी बचाने में रही। इसके चलते राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति बुरी तरह प्रभावित हुई है। लगातार साढ़े चार साल तक सरकार को गली-मोहल्ले से लेकर चौक-चौराहे तक हर जगह चेताने के बावजूद कानून व्यवस्था को ठीक करने के बजाय वे अपनी कुर्सी बचाने में लगे रहे। इसका दुष्परिणाम राजस्थान की करोड़ों की जनता भुगत रही है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान रेप कैपिटल बना है। सर्वाधिक रेप राजस्थान में हो रहे हैं। यहां 17 रेप प्रतिदिन हो रहे हैं और सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री विधानसभा के पटल पर कहते हैं कि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है, इसलिए रेप ज्यादा होते हैं। इससे ज्यादा शर्मनाक स्टेटमेंट और कोई नहीं हो सकता। गहलोत सरकार को अब तक की भ्रष्टतम सरकार बताते हुए शेखावत ने कहा कि हम पिछले साढ़े चार से यह कहते आ रहे हैं कि राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। कुर्सी बचाने की मजबूरी में जिस तरह का आचरण सरकार के मुखिया ने किया। इससे लॉ एंड ऑर्डर और गवर्नेंस से उनका ध्यान हटा। वे केवल खुद की अपनी पीठ थपथपाते रहे। इससे कानून व्यवस्था हालत खराब होते चले गए।
केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि अभी तो भ्रष्टाचार की एक लाल डायरी सामने आई है। अभी कई सतरंगी डायरियां बापर्दा रखी हैं, जिस दिन वे बेपर्दा होंगी। कांग्रेस के कई दिग्गजों को पर्दें में छिपने को मजबूर हो जाएंगे।
दुष्कर्मी मान चुके हैं, उन्हें रोकने वाला कोई नहीं भीलवाड़ा में कोयले की भट्टी से बालिका के अवशेष मिलने पर शेखावत ने ट्ववीट किया कि भीलवाड़ा में 14 साल की बालिका के अवशेष भट्टी से प्राप्त होना बेटियों की सुरक्षा के लिए चिंतित राजस्थानवासियों का दर्द और भी बढ़ाने वाली वारदात है। पुलिस-प्रशासन के प्रति जनाक्रोश बढ़ता जा रहा है और गहलोत सरकार केवल आंकड़े कम दिखाने की जुगत में लगी है। दुष्कर्मी मान चुके हैं, उन्हें रोकने वाला कोई नहीं। एसपी और कलेक्टर को तुरंत घटनास्थल पर पहुंचना था। इस प्रकरण में जलाई गई बिटिया के परिजनों की हर बात सुनी जानी चाहिए।