जयपुर। सीएम अशोक गहलोत ने सोमवार देर रात तक कानून व्यवस्था की बैठक ली. इस बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने अफसरों को मनचलों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के आदेश दिए. बैठक में सीएम गहलोत ने कहा कि महिलाओं और कमजोर वर्ग के खिलाफ अपराधों को रोकना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. छेड़छाड़ करने वाले मनचलों का रिकॉर्ड रखा जाए.
सीएम गहलोत ने कहा कि जिन लोगों के नाम बहन बेटियों से छेड़छाड़ करने वालों में शामिल होंगे. उन मनचलों को सरकारी नौकरी से वचिंत रखा जाएगा. सीएम अशोक गहलोत ने छेड़छाड़ करने वाले मनचलों के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन चलाने के आदेश दिए. स्कूल, कॉलेजों और बाजारों में मनचलों पर निगरानी के लिए सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मियों को लगाया जाएगा. जिन जगहों पर मनचलों की शिकायतें ज्यादा हैं. वहां पर खास निगरानी रखी जाएगी. स्कूल, कॉलेजों और बाजारों में पॉइंट तय करके वहां निगरानी बढ़ाई जाएगी. जल्द ही प्रदेश भर में मनचलों के खिलाफ बड़ा अभियान चलेगा. सीएम ने सरकारी नौकरी ने वचिंत रखने के लिए आदतन मनचलों का अलग से रिकॉर्ड रखा जाएगा. ऐसे लोगों के नाम RPSC, कर्मचारी चयन बोर्ड को भेजे जाएंगे. डेटाबेस में ऐसे लोगों के नाम मिलान करके वे अगर नौकरी के लिए अप्लाई करेंगे तो उनके आवेदन ही रिजेक्ट हो जाएंगे. इसको लेकर सीएम ने सिर्फ मौखिक आदेश दिए हैं. इसके लिए भर्ती प्रक्रियाओं और सरकारी नौकरी के पात्रता नियमों में बदलाव करना होगा.
राजस्थान 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में दूसरे स्थान पर रहा. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के नवीनतम आंकड़ों से पता चला है कि राज्य में पिछले साल लगातार तीसरे वर्ष सबसे अधिक बलात्कार के मामले दर्ज किए गए थे. इसके अलावा, महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में कुल आरोपपत्र दर केवल 54 प्रति लाख है, जो कई राज्यों में 90 से अधिक है. आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ 56,083 अपराधों के साथ उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है, इसके बाद राजस्थान में 40,738, महाराष्ट्र (39,526), पश्चिम बंगाल (35,884) और मध्य प्रदेश (30,673) 5 वां स्थान हैं.
फिलहाल अभी तक इन तरह के केस मे धारा भारतीय दंड संहिता की धारा 354 का इस्तेमाल ऐसे मामलों में किया जाता है. जहां स्त्री की मर्यादा और मान सम्मान को क्षति पहुंचाने के लिए उस पर हमला किया गया हो या उसके साथ गलत मंशा के साथ जोर जबरदस्ती की गई हो. भारतीय दंड संहिता के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति किसी महिला की मर्यादा को भंग करने के लिए उस पर हमला या जोर जबरदस्ती करता है, तो उस पर आईपीसी की धारा 354 लगाई जाती है. जिसके तहत आरोपी पर दोष सिद्ध हो जाने पर दो साल तक की कैद या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है.