Operation Sindoor : श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने मंगलवार को कहा कि भारत ने ऑपरेशन महादेव और ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान की ‘नृशंसता’ का बदला लिया है और अगर ‘आतंकवादी देश’ ने भारतीय नागरिकों का खून बहाया तो उसे ‘बहुत भारी कीमत’ चुकानी होगी। सिन्हा 79वें स्वतंत्रता दिवस से पहले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा आयोजित ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत के लिए साइकिल चलाओ’ रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर रैली में भाग लेने वाले 79 साइकिल चालकों (40 स्थानीय युवाओं और 39 बीएसएफ जवानों) को सम्मानित भी किया।
इससे पहले, उपराज्यपाल ने डल झील से ‘तिरंगा यात्रा’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। वह स्वयं झील से बॉटनिकल गार्डन तक यात्रा में शामिल हुए। सिन्हा ने इस साल 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए ‘पाकिस्तान प्रायोजित’ आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ऑपरेशन महादेव और ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से हमने पाकिस्तान की नृशंसता का बदला ले लिया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, यदि आतंकवादी देश पाकिस्तान हमारे नागरिकों का खून बहाएगा तो उसे बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उपराज्यपाल ने ऑपरेशन महादेव में शामिल सशस्त्र बलों और जम्मू कश्मीर पुलिस के बहादुर जवानों और अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा, उन्होंने पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले का बदला लिया और राष्ट्र की गरिमा की रक्षा की।
9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया : मनोज सिन्हा
सिन्हा ने लोगों से शांति और सामाजिक सद्भाव को बाधित करने की कोशिश कर रहे विभाजनकारी तत्वों के प्रति सतर्क और सावधान रहने की भी अपील की। सुरक्षाबलों ने पहलगाम हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के तीन वरिष्ठ कमांडरों को 28 जुलाई को श्रीनगर के बाहरी इलाके में ‘ऑपरेशन महादेव’के तहत मुठभेड़ में मार गिराया था। पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। इसके जवाब में भारत ने छह मई की देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकियों के नौ ठिकानों को निशाना बनाया था।
उपराज्यपाल ने देश की प्रथम रक्षा पंक्ति बीएसएफ को उन बहादुर सैनिकों और अधिकारियों को उचित श्रद्धांजलि देने के लिए बधाई दी, जिन्होंने राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए अविश्वसनीय वीरता, साहस का प्रदर्शन करते हुए बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि यह रैली युवाओं को बीएसएफ, सेना और पुलिस में शामिल होने के लिए भी प्रोत्साहित करेगी।
सिन्हा ने कहा, कई कस्बों और गांवों से गुजरते हुए इस रैली ने युवा पीढ़ी को प्रेरित किया और उन्हें हमारे संस्थापकों के दृष्टिकोण और निस्वार्थ सेवा के उनके आदर्शों की याद दिलाई। जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक नागरिक का यह परम कर्तव्य है कि वह उस मार्ग पर चले और अपने सपनों का जम्मू-कश्मीर बनाए। उन्होंने कहा, कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है। 140 करोड़ भारतीयों के दिल और आत्मा एक हैं और हम 140 करोड़ सदस्यों का एक बड़ा परिवार हैं। तिरंगा यात्रा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने उन पुरखों और वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने तिरंगे को उसकी पूरी शान के साथ ऊंचा रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कारगिल युद्ध के नायकों को सम्मानित किया तथा जम्मू कश्मीर के शहीदों के सम्मान में लिखे विशेष लेख को भी जारी किया।
उपराज्यपाल ने कहा कि देश की सेवा के लिए भारत में दोबारा जन्म लेना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी। उन्होंने कहा, तिरंगा मेरा धर्म है, मेरी शक्ति है और मेरी धड़कन है। कर्तव्य की खातिर, हम इस पवित्र भूमि पर बार-बार जन्म लें। सिन्हा ने कहा कि हजारों लोग गर्व के साथ राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करने के लिए शामिल हुए, जो एकता, गौरव और साझा पहचान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का आसमान तिरंगे से जगमगा रहा है। झेलम के तट से लेकर चिनाब तक और पीर पंजाल की चोटियों से लेकर हरमुख तक, हर जगह ‘भारत माता की जय’ की गूंज सुनाई दे रही है।