गोवा। गोवा विधानसभा के सभी 7 विपक्षी सदस्यों को मणिपुर हिंसा को लेकर प्रदर्शन और हंगामा करने के बाद सोमवार को 2 दिन के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया है। निलंबित सदस्यों में विपक्ष के नेता यूरी अलेमाओ, कांग्रेस विधायक एलटोन डी’कोस्टा और कार्लोस फरेरा, आम आदमी पार्टी (आप) के वेंजी वीगास और क्रूज सिल्वा, गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई और रेवोल्यूशनरी गोवा पार्टी के विरेश बोरकर शामिल हैं।
प्रश्नकाल के बाद अलेमाओ ने सदन में मणिपुर हिंसा पर चर्चा कराए जाने की मांग करते हुए दावा किया कि पिछले शुक्रवार को इस मुद्दे पर क्रूज सिल्वा द्वारा लाए गए निजी संकल्प को अध्यक्ष रमेश तावडकर ने नामंजूर कर दिया था। काले रंग के कपड़े पहनकर आए विपक्ष के सभी सदस्यों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया।
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विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पूरा देश इस मुद्दे को लेकर संवेदनशील है। उन्होंने कहा केंद्रीय गृह मंत्रालय इस मुद्दे से निपट रहा है। संसद में इस पर चर्चा हुई है। हम सदन में इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं दे सकते हैं। इस जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए और ‘‘मणिपुर, मणिपुर’’ के नारे लगाने लगे। जब महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के विधायक जीत अर्लेकर सदन में अपनी बात रख रहे थे तो विपक्षी सदस्य पोस्टर लेकर उनकी ओर गए और उन्हें बोलने से रोका। मार्शलों ने विपक्षी सदस्यों को सदन से बाहर निकाल दिया।
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और पर्यावरण मंत्री नीलेश कैब्राल ने विपक्षी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सावंत ने कहा कि इस तरह के बर्ताव को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसके बाद तावडकर ने विपक्ष के 7 विधायकों को सोमवार से 2 दिन के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया।