इंफाल, मणिपुर सरकार ने घाटी के 5 जिलों में इंटरनेट पर लगी रोक को सोमवार को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. आयुक्त (गृह) एन. अशोक कुमार ने कहा कि सरकार ने मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और इंटरनेट पर लगी रोक को हटाने का फैसला किया. एहतियाती उपाय के तहत 10 सितंबर को जनहित में इंटरनेट पर रोक लगा दी गई थी. बता दें कि राज्य सरकार ने 13 सितंबर को ब्रॉडबैंड सेवाओं से ‘सशर्त’ रोक हटा दी थी.
गृह विभाग के आदेश में कही ये बात
गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार ने मणिपुर में इंटरनेट पर लगी किसी भी प्रकार की रोक को हटाने का फैसला किया है. जिसे जनहित में एहयियाती उपयों के तौर पर सद्भावनापूर्वक लगाया गया था.
हिंसा भड़ने के बाद निलंबित की गई थी इंटरनेट सेवाएं
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग को लेकर छात्रों के प्रदर्शन के मद्देनजर इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों में 10 सितंबर दोपहर 3 बजे से इंटरनेट सेवा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था. छात्र डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार पर उग्रवादी हमलों से निपटने में असमर्थ रहने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग कर रहे थे. प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई थी जिनमें छात्रों और पुलिस कर्मियों समेत 80 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे.
CM एन बीरेन सिंह ने कही थी ये बात
इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट में कहा था, ”राज्य में इंटरनेट पर लगाई गई रोक को हटाया जाएगा और सेवाओं को बहाल किया जाएगा. मैं सभी लोगों से आग्रह करता हूं कि इंटरनेट का इस्तेमाल जिम्मेदारी के साथ करें और ऐसी गैर जरूरी या भड़काऊ सामग्री को पोस्ट करने या साझा करने से बचें जिससे राज्य में शांति और सद्भावना बाधित हो सकती है.”