नयी दिल्ली, आप की राज्यसभा सांसद स्वाती मालीवाल से मारपीट मामले में आरोपी बिभव कुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) की सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित हमले के सिलसिले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है.पुलिस की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील ने याचिका पर नोटिस जारी किए जाने का इस आधार पर विरोध किया कि यह (याचिका) सुनवाई योग्य नहीं है.
फैसला रखा सुरक्षित रखा
न्यायमूर्ति स्वर्णकांत शर्मा ने दोनों पक्षों की ओर से पेश वरिष्ठ वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कहा,’इस मामले के सुनवाई योग्य होने या नहीं होने को लेकर आदेश सुरक्षित रखा जाता है.’
याचिका में गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने का अनुरोध
बिभव कुमार ने अपनी याचिका में अपनी गिरफ्तारी को अवैध और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए (पुलिस अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने का नोटिस) के प्रावधानों का घोर उल्लंघन तथा कानून के विरुद्ध घोषित करने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया है.
दिल्ली पुलिस की ओर से दी गई दलील
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ वकील ने दलील दी कि धारा 41ए के अनुपालन संबंधी आपत्ति को अधीनस्थ अदालत ने पहले ही खारिज कर दिया है और इसलिए याचिकाकर्ता को रिट याचिका दायर करने के बजाय संबंधित आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दायर करनी चाहिए थी.उन्होंने कहा कि एक वैकल्पिक समाधान है और याचिकाकर्ता को उसका इस्तेमाल करना चाहिए.
‘बिभव कुमार की गिरफ्तारी मौलिक अधिकारों का उल्लंघन’
कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी उनके मौलिक अधिकारों के साथ-साथ कानून का भी उल्लंघन है.उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी की कोई आवश्यकता या कारण नहीं था.उन्होंने तर्क दिया कि किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता को हल्के में नहीं लिया जा सकता.
‘अप्रत्यक्ष उद्देश्य से गिरफ्तार किया गया’
उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता को किसी ‘‘अप्रत्यक्ष उद्देश्य’’ से गिरफ्तार किया गया था, जबकि उनकी अग्रिम जमानत अधीनस्थ अदालत में लंबित थी और उन्होंने जांच में सहयोग करने की स्वयं इच्छा जताई थी.बता दें कि दिल्ली की एक सत्र अदालत ने बिभव कुमार की जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी थी.
मालीवाल ने आरोप लगाया है कि 13 मई को जब वह मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास पर गई थी तो केजरीवाल के निजी सहायक कुमार ने उनके साथ मारपीट की थी.कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह पुलिस हिरासत में हैं.