मकर संक्रांति के पर्व का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. यह त्यौहार हर साल भरपूर उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इसीलिए इसे मकर संक्रांति कहा जाता है. मकर संक्रांति पर सूर्यदेव दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं. इस कारण इसे उत्तरायण पर्व भी कहा जाता है. यह त्योहार नई फसल के आगमन का प्रतीक भी माना जाता है. संक्रांति पर गंगा स्नान और सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व होता है. इसके साथ ही इस दिन दान पुण्य करने का भी विशेष महत्व होता है. आइए आपको बताते हैं पूजा विधि और शुभ मुहूर्त.
पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व मंगलवार 14 जनवरी को मनाया जाएगा. इस दिन सूर्यदेव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में सुबह 09 बजकर 03 मिनट पर प्रवेश करेंगे. तभी शाही स्नान के लिए पुण्य काल शुरू होगा.
मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05 बजकर 27 मिनट से शुरू होगा जो 06 बजकर 21 मिनट तक रहेगा. मकर संक्रांति पर पुण्य काल का समय सुबह 9 बजकर 3 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा और महापुण्य काल का समय सुबह 9 बजकर 03 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. इन दोनों मुहूर्ता स्नान, दान और पूजा का विशेष महत्व होता है. और विशेष फल की प्राप्ति होती है.
मकर संक्रांति पर कैसे करें पूजा
मकर संक्रांति पर सुबह जल्दी उठकर साफ सफाई कर लें. उसके बाद स्नान करें, यदि नदी में स्नान संभव ना हो तो. घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. सूर्यदेव को गंगाजल से स्नान कराएं और फूल, चंदन, रोली, सिंदूर अर्पित करें. अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र और गायत्री मंत्र पढ़ें. अंत में सूर्य देव की आरती करें. इस दिन गरीबों को दान दें. क्योंकि इस दिन दान का विशेष महत्व होता है. तिल का दान करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है.
मकर संक्रांति के त्यौहार का महत्व
मकर संक्रांति के त्यौहार से नई फसल और नई ऋतु का आगमन होता है. इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ती होती है. इस दिन स्नान और दान पुण्य करने से पापों का नाश होता है. इस पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है. साथ ही गरीबों को दान करना बहुत ही पुण्य का काम माना जाता है.
मकर संक्रांति पर किन चीजों का करें दान
मकर संक्रांति पर दान पुण्य का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन काले तिल, खिचड़ी, उड़द की दाल और घी से बनी चीजों का दान जरूर करें. गरीबों को कपड़े, अन्न का भी दान कर सकते हैं. इस दिन तिल से बने व्यंजनों का सेवन करना चाहिए.