नई दिल्ली। पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में फंसीं तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने खुद को पाक-साफ साबित करने के लिए केन्द्र सरकार पर फोन और ई-मेल टैपिंग- हैकिंग का बम फोड़ दिया है। उन्होंने बकायदा ट्वीट का यह दावा किया कि दावा किया कि केंद्र सरकार उनका फोन और ईमेल हैक करने की कोशिश कर रही हैं। महुआ ने लिखा कि देश के गृह मंत्रालय के पास और कोई काम नहीं है। अडाणी और प्रधानमंत्री कार्यालय के गुंडों, तुम्हारा डर देखकर मुझे तरस आता है। इस आरोप के सामने आते ही कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने तत्काल इसे लपक लिया और आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर महुआ के दावों को सही ठहराया। साथ ही कहा क कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ भी लबें समय से ऐसा हो रहा है। इतना ही नहीं, कांग्रेस नेता शशि थरूर, पवन खेड़ा, आप सांसद राघव चड्ढा, शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और सीपीएम(एम) के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी ने भी इन्हीं आरोपों को दाेहराया।
सरकार चाहे तो मेरा फोन ले ले, मुझे फर्क नहीं पड़ता : राहुल
महुआ के ट्वीट के कुछ देर बाद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ये अलर्ट मेरे ऑफिस में सबको मिला है। कांग्रेस में लिस्ट बनी है। पवन खेड़ा, सुप्रिया, प्रियंका.. इनके साथ भी ऐसा हुआ है। सरकार चाहे तो मेरा फोन ले ले, मुझे फर्क नहीं पड़ता। इधर, महुआ और शशि थरूर ने जो स्क्रीनशॉट ट्वीट के साथ शेयर किए, वे एपल आईडी पर आए अलर्ट मैसेज हैं। इनमें लिखा कि एपल को लगता है स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर्स आपको टारगेट बना रहे हैं। ये आपकी एपल आईडी से जुड़े आईफोन को रिमोट मोड पर लेकर उसमें सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। इस ईमेल का टाइटल है- ‘अलर्ट- स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स आपके आईफोन को अटैक कर रहे हैं’। इसमें लिखा है कि ये अटैकर्स आपको शायद आपके पद और आपके काम की वजह से टारगेट कर रहे हैं। अगर आपकी डिवाइस किसी स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर ने कॉम्प्रोमाइज कर ली है तो हो सकता है कि वे आपकी निजी जानकारी, आपकी बातचीत, यहां तक कि आपका कैमरा और माइक्रोफोन भी रिमोट एक्सेस कर सकते हैं। मैसेज में ये भी लिखा गया कि हो सकता है ये एक फॉल्स अलार्म हो, लेकिन फिर भी इस वॉर्निंग को गंभीरता से लें।
एपल ने कहा, हम किसी भी तरह के स्टेट स्पांसर्ड अटैक की सूचना नहीं देते
इस मुद्दे पर जैसे ही नेताओं ने एपल को टैग का ट्वीढ किए तो कंपनी की तरफ से आधिकारिक बयान सामने आ गए। एपल कंपनी ने कहा कि हम किसी भी तरह के स्टेट स्पांसर्ड अटैक की सूचना नहीं देते हैं। कंपनी ने कहा कि यह संभव है कि एपल की कुछ खतरे की सूचनाएं (अलार्म अलर्ट) गलत हो सकते हैं। कंपनी खतरे की सूचनाओं का श्रेय किसी विशिष्ट राज्य-प्रायोजित (स्टेट स्पोंसर्ड) हमलावर को नहीं देता है। राज्य-प्रायोजित (स्टेट स्पोंसर्ड) हमलावर बहुत अच्छी तरह से वित्त पोषित और परिष्कृत होते हैं और उनके हमले समय के साथ विकसित होते हैं। ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है, जो अक्सर अपूर्ण होते हैं। यह संभव है कि कुछ एपल फ़ोन्स में खतरे की सूचनाएं गलत अलार्म हो सकती हैं या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता है। हम इस बारे में जानकारी प्रदान करने में असमर्थ हैं कि हमें खतरे की सूचनाएं जारी करने का क्या कारण है, क्योंकि इससे राज्य-प्रायोजित हमलावरों को पता लगाने से बचने के लिए अपने व्यवहार को अनुकूलित करने में मदद मिल सकती है।
राहुल खुद का मजाक उड़वाते हैं, एपल के बयान का तो इंतजार कर लेते : मालवीय
मामले पर भाजपा आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय ने भी एपल के इस बयान के बाद कहा, राहुल गांधी खुद का ही मज़ाक उड़वाते हैं। उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस के कुछ ही मिनटों के भीतर Apple ने बयान जारी किया। पिछली बार भी राहुल गांधी ने अपना फोन जांच के लिए जमा नहीं कराया था। वह फालतू आरोप लगाकर राष्ट्रीय समय क्यों बर्बाद करें?