Maharashtra: मुंबई। शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को अजित पवार पर ‘‘चोरों’’ को संरक्षण देने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें सरकार में बने रहने का कोई हक नहीं है। राउत का यह बयान एक वीडियो के मद्देनजर आया है, जिसमें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री राउत भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की एक महिला अधिकारी को फोन पर डांटते हुए कथित तौर पर नजर आ रहे हैं।
राज्यसभा सदस्य ने कहा, वह इतने अनुशासित हैं, है ना? आपका अनुशासन कहां है? वह उन्हें (आईपीएस अधिकारी को) अपनी पार्टी (राकांपा) के चोरों को संरक्षण देने के लिए डांट रहे हैं। उन्होंने कहा, मुरम मिट्टी का अवैध उत्खनन सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा रहा है। जैसा कि यह सार्वजनिक हो गया है, अजित पवार को सरकार में बने रहने का कोई हक नहीं है। पहले भी, कई (नेताओं) को ऐसी घटनाओं के कारण नैतिक आधार पर इस्तीफा देना पड़ा। राउत ने आरोप लगाया, आप पूरे राज्य को लूट रहे हैं। मंत्रियों को शर्म आनी चाहिए।
वीडियो में, पवार उस महिला आईपीएस अधिकारी को डांटते हुए दिखाई दे रहे हैं, जो सोलापुर जिले में मुरम मिट्टी के अवैध उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई कर रही थीं। वीडियो में देखा जा सकता है कि पवार एक राकांपा कार्यकर्ता के फोन से करमाला की उप-मंडलीय पुलिस अधिकारी, अंजना कृष्णा से बात करते हैं। हालांकि, वह उनकी आवाज नहीं पहचान पाती हैं। इसके बाद, पवार पुलिस अधिकारी को वीडियो कॉल करते हैं और उनसे कड़े शब्दों में मुरम मिट्टी के अवैध उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई रोकने के लिए कहते हैं।
मुरम का इस्तेमाल सड़क निर्माण और भराव सामग्री के रूप में व्यापक रूप से किया जाता है। कॉल के दौरान, कृष्णा यह कहते हुए सुनी जा सकती हैं कि वह नहीं समझ सकी कि उनसे उपमुख्यमंत्री ही बात कर रहे थे। फिर पवार पूछते हैं कि क्या वह उनका चेहरा देखकर उन्हें पहचान सकती हैं। इस घटना के बाद विवाद बढ़ने पर, राकांपा ने दावा किया कि पवार का इरादा कार्रवाई रोकने का नहीं था, बल्कि हो सकता है कि उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को शांत करने के लिए अधिकारी को डांटा हो। यह भी कहा गया कि घटना का वीडियो क्लिप जानबूझकर लीक किया गया।