महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति पर मंगलवार को सुबह से अखाड़ों के साधु संतों का अमृत स्नान जारी है. इस बीच, सुबह 10 बजे तक एक करोड़ 38 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई. मेला प्रशासन ने यह जानकारी दी. अखाड़ों के अमृत स्नान में सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के साधु संतों ने हर-हर महादेव के घोष के साथ संगम पर अमृत स्नान किया.
महानिर्वाणी अखाड़े के साधु संतों ने सबसे पहले किया स्नान
अमृत स्नान के उपरांत महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर चेतन गिरी जी महाराज ने कहा, “हर 12 साल में पूर्ण कुम्भ प्रयागराज में होता है और 12 पूर्ण कुम्भ होने पर 144 साल बाद यह महाकुम्भ आता है. बहुत भाग्यशाली लोगों को महाकुम्भ में स्नान का अवसर मिलता है. उन्होंने बताया कि महानिर्वाणी अखाड़े से 68 महामंडलेश्वर और हजारों साधु संतों ने अमृत स्नान किया.
महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा के बाद तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा के साधु संतों ने अमृत स्नान किया. इसमें सबसे आगे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी चल रहे थे और उनके बाद अखाड़ा के झंडे और फिर आराध्य देवता कार्तिकेय स्वामी और सूर्य नारायण पालकी पर सवार थे. इनके पीछे नागा सन्यासियों की टोली थी. इन सभी के बीच निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि एक भव्य रथ पर सवार थे.
#WATCH | #MahaKumbh2025, प्रयागराज: आनंद अखाड़े के कुमार स्वामी जी महाराज ने कहा, "इससे (महाकुंभ) बड़ा कुछ नहीं है। जो लोग यहां आ पाते हैं, वे बहुत भाग्यशाली हैं… जहां भी हम देखते हैं लोग आपस में लड़ रहे हैं। यहां शांति है। यहां मौजूद होने और सबकुछ होते देखने मात्र से ही आनंद… pic.twitter.com/QaUIQdMEAG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 14, 2025
अमृत स्नान के बाद निरंजनी अखाड़ा के सचिव ने कही ये बात
अमृत स्नान के बाद निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत रविंद्र पुरी ने कहा, “हम 7 बज कर 15 मिनट पर स्नान घाट पर पहुंचे और 7 बज कर 45 मिनट पर हमने स्नान कर घाट खाली कर दिया. आधे घंटे में निरंजनी अखाड़े और आनंद अखाड़े के हजारों साधु संतों ने स्नान किया. निरंजनी अखाड़े के 35 महामंडलेश्वरों ने और हजारों की संख्या में नागा सन्यासियों ने अमृत स्नान किया.”
#WATCH | प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: आनंद अखाड़ा आचार्य मंडलेश्वर बालकानंद जी महाराज मकर संक्रांति के अवसर पर #MahaKumbhMela2025 के पहले अमृत स्नान के लिए जुलूस के साथ त्रिवेणी संगम पहुंचे।
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सनातन धर्म के 13 अखाड़ों के साधु आज त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगाएंगे। pic.twitter.com/SZFQO7Le3r
साध्वी निरंजना ज्योति ने कही ये बात
निरंजनी अखाड़े की साध्वी और पूर्व मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा, ”घाट पर युवाओं की भीड़ यह बताती है कि युवाओं में सनातन धर्म के प्रति कितनी आस्था है. जब भी किसी ने सनातन धर्म को चुनौती दी, युवा और संत समाज ने आगे आकर धर्म की रक्षा की.”
13 अखाड़ों का शाम 4 बजे तक पूरा होगा अमृत स्नान
निरंजनी अखाड़े और आनंद अखाड़े के बाद संख्या बल में सबसे अधिक जूना अखाड़े और आवाहन अखाड़े के हजारों साधु संतों ने अमृत स्नान किया. इनमें जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि भव्य रथ पर सवार होकर स्नान घाट पर आए और उनके साथ हजारों की संख्या में नागा सन्यासी भी थे. बारी-बारी से तेरह अखाड़ों का अमृत स्नान शाम 4 बजे तक पूरा होने की संभावना है.
कड़ाके की ठंड के बावजूद उमड़ा आस्था का सैलाब
कड़ाके की ठंड और कोहरे के बावजूद प्रयागराज में हर दिशा से जनसैलाब सुबह से ही संगम की ओर जाता दिखाई दिया. आम श्रद्धालु स्नान के साथ ही संगम क्षेत्र में अखाड़ों के साधु संतों के भी दर्शन कर रहे हैं.
#WATCH प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: #MahaKumbh2025 और #MakarSankranti के अवसर पर त्रिवेणी संगम पर 'अमृत स्नान' करने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में एकत्रित हुए।
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(वीडियो ANI के ड्रोन कैमरे से लिया गया है।) pic.twitter.com/hDv1jJgz4t
संगम तट पर अमृत स्नान के बाद युवा और बुजुर्ग साधु संत और नागा सन्यासी शरीर पर भभूत लगाकर घाट से अपने गंतव्यों की ओर रवाना हो रहे हैं और आशीर्वाद स्वरूप भभूत लोगों पर छिड़क रहे हैं. नागा सन्यासियों के दर्शन की अभिलाषा में भारी संख्या में लोग संगम घाट पर मौजूद हैं.