Ladakh Protest : लेह। लद्दाख में बंद के दौरान व्यापक झड़पों में चार लोगों की मौत और 80 से अधिक अन्य के घायल होने के एक दिन बाद, इस केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने बृहस्पतिवार को यहां एक सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और शांति की रक्षा के लिए सतर्कता बढ़ाने का आह्वान किया। संविधान की छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने और इस केंद्रशासित प्रदेश को राज्य का दर्जा देने पर केंद्र के साथ प्रस्तावित वार्ता की तिथि घटाने की मांग के समर्थन में लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) के एक घटक ने बंद और विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था।
उपराज्यपाल कार्यालय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, उपराज्यपाल ने लद्दाख में उभरती स्थिति का आकलन करने के लिए एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की तथा केंद्र शासित प्रदेश में शांति, सुरक्षा और कानून व्यवस्था की रक्षा के लिए सतर्कता बढ़ाने, विभिन्न एजेंसियों के बीच निर्बाध समन्वय और सक्रिय उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस, सीआरपीएफ और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया और क्षेत्र में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और उसे छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए लेह में आंदोलन का समर्थन कर रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को हिंसक प्रदर्शन किया और भाजपा कार्यालय एवं कई वाहनों को आग लगा दी, जिसके बाद अधिकारियों को शहर और उसके आसपास के इलाकों में कर्फ्यू लगाना पड़ा।
केंद्र ने आरोप लगाया कि भीड़ की हिंसा जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के ‘भड़काऊ बयानों’ से प्रेरित थी, जबकि ‘राजनीति से प्रेरित’ कुछ लोग सरकार और लद्दाखी समूहों के प्रतिनिधियों के बीच चल रही बातचीत में हुई प्रगति से खुश नहीं थे। दोनों मांगों को लेकर लेह में भूख हड़ताल का नेतृत्व कर रहे वांगचुक ने बुधवार को हुई हिंसा के बाद अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली।