कोटा। प्रदेश में आचार संहिता लगने के बाद से करोड़ों रुपए कैश साथ शराब और ड्रग्स बड़ी मात्रा में पकड़ी जा रही है। लेकिन रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को तो कोटा में सोने का बड़ा खजाना जांच के दौरान हाथ में लग गया। यह खजाना तेजस राजधानी एक्सप्रेस ट्रैन से मुंबई ले जाया जा रहा था। आरपीएफ को 6 करोड़ का ये सोना तीन लोगों के पास मिला, जिन्हें आगे की जांच के लिए इनकम टैक्स विभाग को सौंप दिया गया है। चुनावी मौसम में इतना बड़ा माल हाथ लगने के बाद सवाल उठने लगे हैं कि इतनी बड़ी रकम आखिर कहां जा रही थी? देर रात इन तीनों यात्रियों मुंबई निवासी दिलीप भा, प्रीतेश कुमार मूथा निवासी राजस्थान और महाराष्ट्र निवासी जितेन्द्र भंवर से रुपए और गोल्ड को लेकर पूछताछ की तो जवाब नहीं दे पाए।
आरपीएफ टीम को अपने नेटवर्क से इस बड़ी गोल्ड खेप को ले जाने की सूचना मिली थी। इसके बाद उन्होंने तीनों यात्रियों का दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन से पीछा किया। ट्रैन के कोटा पहंुचने पर पूछताछ की। टीम ने उनके बैग खंगाले तो भारी मात्रा में गोल्ड ज्वेलरी और कैश मिला। मामला गुरुवार देर रात का है। आरोपियों के पास से टीम ने 26 लाख कैश भी बरामद किया। तीनों यात्री जब सामान के बारे में जानकारी नहीं दे पाए तो इनकम टैक्स विभाग की टीम को बुलाकर उनके हवाले कर दिया गया। दावा किया जा रहा है कि कोटा मंडल स्टेशन में आरपीएफ की ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।
सोने का ऐसा जखीरा मिला बैगों में
तलाशी के दौरान बैग से 10 किलो 700 ग्राम गोल्ड मिला, जिसकी अनुमानित कीमत 6 करोड़ 61 लाख 59 हजार बताई गई। इसके साथ 26 लाख रुपए कैश भी मिले हैं। 6 करोड़ के गोल्ड में काफी संख्या में सोने की चैन, बिस्किट, ज्वेलरी आदि आइटम है।
पूछताछ में घबराए तो खुल गई सारी पोल
आरपीएफ कमांडेंट विनय कुमार ने बताया कि चुनावों के चलते इन दोनों आरपीएफ की ओर से विशेष निगरानी अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत आरपीएफ जवान निजामुद्दीन स्टेशन पर में मौजूद थे। निजामुद्दीन में आरपीएफ को तीन संदिग्ध यात्री ट्रैन में सवार होते नजर आए। आरपीएफ भी इन यात्रियों के पीछे लग गई। रास्ते में भी इनकी संदिग्ध गतिविधियां लगातार जारी रहीं। वे बार-बार अपने बैगों को संभाल रहे थे। इसके बाद शक के आधार पर आरपीएफ ने तलाशी ली।