Tuesday, November 26, 2024
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स्वागत स्थल पर ओडिशा का कोणार्क चक्र, जानिए कोणार्क चक्र का इतिहास

नई दिल्ली। शनिवार को देश की राजधानी दिल्‍ली में जी20 शिखर सम्‍मेलन पीएम मोदी की अगवानी में आगाज हुआ. सबसे पहले पीएम मोदी ने प्रगति मैदान के भारत मंडपम में पहुंचकर  G20 के सभी नेताओं और प्रतिनिधियों का स्वागत किया. जी 20 के जिस स्वागत स्थल पर पीएम मोदी ने नेताओं का हाथ मिलाकर स्‍वागत किया, वहां पर पीछे एक बड़ा-सा चक्र बना हुआ था. इस चक्र ने सभी विदेशी मेहमानों का ध्यान आकर्षण किया.  इस बेहद खास चक्र को ‘कोणार्क चक्र’ के नाम से जाना जाता है. इस चक्र को ओडिशा में 13वीं शताब्दी के दौरान राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल में बनाया गया था.

कोणार्क चक्र भारत के राष्‍ट्रीय ध्‍वज में भी नजर आता है. 24 तीलियों वाले कोणार्क चक्र को अशोक चक्र भी कहते हैं. कोणार्क चक्र को भारत के राष्ट्रीय ध्वज में रूपांतरित किया गया. कोणार्क चक्र भारत के प्राचीन ज्ञान, उन्नत सभ्यता और वास्तुशिल्प उत्कृष्टता को दर्शाता हैं. समय हमेशा एक सा नहीं रहता, ये बदला रहता है. कोणार्क चक्र इस समय का ही प्रतीक है, जो कालचक्र के साथ-साथ प्रगति और परिवर्तन को दर्शाता है. 

पीएम मोदी ने किया इन मेहमानों का स्वागत

शनिवार को पीएम मोदी की अगवानी में जी20 का आगाज हुआ. इस दौरान पीएम मोदी ने भारत मंडपम में मेहमानों का दिल खोलकर स्वागत किया. पीएम मोदी ने यहां अलग-अलग राष्ट्राध्यक्षों से गर्मजोशी से मिले. पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन सहित ,इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान का गर्मजोशी से स्वागत किया.

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