कोलकाता, कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि यहां आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भीड़ द्वारा तोड़फोड़ किए जाने की घटना पश्चिम बंगाल में राज्य मशीनरी की पूर्ण विफलता है. अदालत ने पुलिस और अस्पताल प्रशासन को इस घटना के संबंध में हलफनामे दायर करने का निर्देश दिया.
अदालत ने कही ये बात
जब राज्य सरकार के वकील ने अदालत से कहा कि लोगों की भीड़ गुरुवार को तड़के एकत्र हुई थी तो मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा कि इस बात पर भरोसा कर पाना कठिन है कि पुलिस खुफिया विभाग को अस्पताल में 7,000 लोगों के एकत्र होने की जानकारी नहीं थी.
आर जी कर अस्पताल को बंद कर दीजिए : हाईकोर्ट
मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हाल ही में हुई बर्बरता की घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त की है.हाई कोर्ट ने कहा कि यह सरकार की नाकामी है और मेडिकल कॉलेज को बंद कर देना चाहिए.हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा, ‘मरीजों से माफी मांग कर दूसरे अस्पताल भेज दीजिए और आर जी कर अस्पताल को बंद कर दीजिए. आपने जो कुछ किया घटना के बाद, वो सबके सामने है. 7000 लोग इकठ्ठे हो जाते हैं पुलिस को कुछ पता नहीं था? धारा 144 लागू क्यों नहीं की गई?
पुलिस,अस्पताल को हलफनामा दाखिल करने के निर्देश
अदालत ने पुलिस और अस्पताल के प्रशासन को निर्देश दिया कि वे मामले में सुनवाई की अगली तारीख 21 अगस्त को वास्तविक स्थिति और सभी संबंधित मामलों का विवरण देते हुए दो अलग-अलग हलफनामे दाखिल करें. पीठ ने कहा कि पुलिस को उन घटनाओं का पूरा विवरण रिकॉर्ड में देना चाहिए जिनके कारण अस्पताल में तोड़फोड़ हुई.
CBI को भी प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश
अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को भी 9 अगस्त को अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या के मामले की जांच की दिशा में हुई प्रगति की अंतरिम रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. इस घटना के कारण राज्य के सरकारी अस्पतालों में कनिष्ठ चिकित्सक हड़ताल पर हैं.