Sunday, December 22, 2024
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कोलकाता केस: CJI ने ममता सरकार, पुलिस और अस्पताल पर क्या उठाए सवाल; जानें सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में क्या हुआ

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से हुई दरिंदगी मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से लेकर पुलिस और अस्पताल प्रशासन तक को सीधे कठघरे में खड़ा किया। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य की प्रशासन व्यवस्था को लेकर कई सख्त टिप्पणियां भी की। अस्पताल में हुई तोड़फोड़ पर भी कोर्ट ने सवाल उठाए, साथ ही पूर्व प्रिंसिपल पर भी सख्त टिप्पणी की।

सीजेआई की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच ने राज्य सरकार का पक्ष रख रहे कपिल सिब्बल के सामने सवालों की बौछार कर दी। कोर्ट ने कड़े शब्दों में पूछा कि बॉडी आठ बजे रात को पैरेंट्स को दी गई और उसके बाद 11 बजकर 45 मिनट पर केस दर्ज क्यों हुआ? कोर्ट ने आगे पूछा कि क्या शुरुआत में मर्डर केस दर्ज नहीं किया गया? कॉलेज के प्रिंसिपल उस समय क्या कर रहे थे? उन्होंने एक्शन क्यों नहीं लिया? हैरानी की बात रही कि ज्यादातर सवालों को लेकर सिब्बल के पास भी जवाब नहीं था।

कोर्ट ने इसके साथ एक नैशनल टास्क फोर्स का गठन किया है जिसकी अंतरिम रिपोर्ट तीन हफ्ते में देनी होगी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से 22 अगस्त को स्टेटस रिपोर्ट सौंपने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई से गुरुवार तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है। कोर्ट का कहना था कि कार्यस्थल पर डॉक्टरों की सुरक्षा पर विचार करने के लिए नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। टास्क फोर्स में डॉक्टर शामिल होंगे, जो सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरे देश में अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों से हमें अवगत कराएंगे।

नैशनल टास्क फोर्स में कौन-कौन?
कोलकाता केस पर सुप्रीम कोर्ट आज पूरी तैयारी के साथ आई थी। सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच ने नैशनल टास्क फोर्स का गठन भी कर दिया है। इस टास्क फोर्स में निम्नलिखित सदस्य शामिल हैं-
➤सर्जन वाइस एडमिरल आर सरिन, महानिदेशक चिकित्सा सेवाएं (नौसेना)
➤डॉक्टर डी नागेश्वर रेड्डी
➤डॉक्टर एम श्रीनिवास, एम्स दिल्ली निदेशक
➤डॉक्टर प्रतिमा मुर्ति, NIMHANS बेंगलुरु
➤डॉक्टर गोवर्धन दत्त पुरी, एम्स जोधपुर
➤डॉक्टर सौमित्र रावत, सदस्य गंगाराम हॉस्पिटल, दिल्ली
➤प्रोफेसर अनिता सक्सेना, कार्डियोलॉजी विभाग प्रमुख, AIIMS दिल्ली
➤प्रोफेसर पल्लवी सापरे, डीन ग्रांट मेडिकल कॉलेज मुंबई
➤डॉक्टर पद्मा श्रीवास्तव, न्यूरोलॉजी विभाग, AIIMS
➤राष्ट्रीय कार्यदल के पदेन सदस्य: (i) भारत सरकार के कैबिनेट सचिव, (ii) भारत सरकार के गृह सचिव, (iii) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव, (iv) राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष, (v) राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष।

अस्पताल से पूछे सवाल 

CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने पश्चिम बंगाल सरकार और हॉस्पिटल प्रशासन को फटकार लगाई। CJI ने कहा कि जब हत्या की घटना हुई, उस समय पीड़िता के माता-पिता वहां मौजूद नहीं थे। ये हॉस्पिटल प्रबंधन की जिम्मेदारी थी कि वो एफआईआर दर्ज कराए। सीजेआई ने सवाल किया कि एफआइआर देर से क्यों दर्ज हुई? हॉस्पिटल प्रशासन आखिर क्या कर रहा था? CJI ने पूछा- उस समय प्रिंसिपल क्या कर रहे थे? माता-पिता को पीड़िता का शव भी देर से सौंपा गया। SC ने पूछा, सबसे पहले एफआईआर किसने और कब दर्ज कराई। इस पर जानकारी दी गई कि मामले में उस रात 11.45 पर पहली एफआईआर दर्ज की गई। CJI ने कहा की अभिभावकों को बॉडी देने के 3 घंटे 30 मिनट के बाद एफआईआर दर्ज की गई?

पुलिस से मांगे जवाब

कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने में देरी के लिए पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस को फटकारा। कोर्ट ने कहा, शुरुआत में मामले में FIR दर्ज नहीं की गई। पुलिस क्या कर रही थी? एक गंभीर अपराध हुआ है। उपद्रवियों को अस्पताल में घुसने दिया गया?  CJI ने कहा कि पुलिस ने क्राइम सीन को प्रोटेक्ट क्यों नहीं किया? हजारों लोगों को अंदर क्यों आने दिया?  पुलिस को सबसे पहला काम अपराध स्थल की सुरक्षा करना है।

कोलकाता केस पर सुनवाई के दौरान बड़ी बातें
➤9 तारीख को रेप और मर्डर हुआ, इस क्राइम ने देश को झकझोर दिया
➤प्राइवेसी डिगनिटी को तार तार किया और पीड़िता की पहचानको उजागर किया गया
➤ पैरेंट्स को आत्महत्या करने की बात कही गई, बाद में केस सीबीआई केस को ट्रांसफर हुआ
➤देश भर में प्रदर्शन हुआ, प्रदर्शन के दौरान कई लोग अस्पताल में में घुसे और तोड़फोड़ हुई
➤17 अगस्त को देशव्यापी हड़ताल हुई, राज्य सरकार ने सुनिश्चित किया कि लॉ एंड ऑर्डर हो
➤राज्य सरकार तोड़फोड़ रोकने के लिए तैयार नहीं थी, डॉक्टर की सेफ्टी का सवाल उठा है
➤मेडिकल पेशेवर टारगेट किया जा रहा है
➤मई 2024 रिलेटिव ने लापरवाही का आरोप लगातार डॉक्टर पर अटैक किया
➤नर्स और डॉक्टर की सेफ्टी में सिस्टमैटिक फैल्योर हुआ है
➤महिला सेक्सुअल वॉयलेंस की शिकार हुई है, इसीलिए शीर्ष अदालत चिंतित है और संज्ञान लिया है
➤सेक्सुअल वॉयलेंस गंभीर चिंता का विषय है
➤सेफ्टी की चिंता सभी मेडिकल पेशेवर की चिंता है
➤सिर्फ डॉक्टर की बात नहीं है सिर्फ बल्कि देश हित में सभी मेडिकल स्टाफ की सेफ्टी सुनिश्चित करने की बात है
➤संविधान के समानता की बात करता है, कई स्टेट में हेल्थ केयर सेफ्टी के लिए कानून बना रखे हैं
➤ग्राउंड रियलिटी ये है कि मेडिकल प्रोफेशन्ल को खतरे में छोड़ दिया गया है
➤जहां काम करते हैं और जहां रहते हैं वह बहुत खराब है
➤कोई ट्रांसपोर्टेशन नहीं है, सीसीटीवी नहीं होता है
➤पेशेंट और अटेंडेंट कहीं भी चले जाते हैं
➤मेडिकल स्टाफ के लिए सपोर्टिव सिस्टम नहीं है

बता दें, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त की रात 31 साल की ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव बरामद किया गया था। घटना सेमिनार हॉल की है। शरीर पर चोट के निशान थे और खून बह रहा था। जांच में पता चला कि डॉक्टर से रेप किया गया, उसके बाद हत्या कर दी गई। पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हालांकि इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया गया है कि इस घटना में कई लोग शामिल हैं। कोलकाता हाईकोर्ट ने मामले की जांच पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर कर दी। जांच एजेंसी लगातार अस्तपाल के पूर्व प्रिंसिपल से पूछताछ कर रही है।

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