Diljit Dosanjh On Amitabh Bachchan : खालिस्तानी आतंकी संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) ने पंजाबी सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ को धमकी दी है कि उनका 1 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया में होने वाला कॉन्सर्ट रद्द कराया जाएगा। SFJ ने इस तारीख को ‘सिख नरसंहार स्मरण दिवस’ घोषित किए जाने का हवाला देते हुए यह धमकी दी है।
इस वजह से भड़का खालिस्तानी आतंकी संगठन
यह विवाद तब भड़का जब दिलजीत दोसांझ हाल ही में अमिताभ बच्चन के शो ‘कौन बनेगा करोड़पति 17’ में नजर आए। शो के प्रोमो में दिलजीत को बच्चन के पैर छूते और उन्हें गले लगाते देखा गया, जिसके बाद खालिस्तानी संगठन भड़क उठा। SFJ ने आरोप लगाया कि इस दिन कॉन्सर्ट करना “सिख समुदाय की भावनाओं का अपमान” है। वहीं, दिलजीत दोसांझ ने अब तक इस धमकी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उनका यह कॉन्सर्ट 1 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया में निर्धारित है, जबकि KBC का यह एपिसोड 31 अक्टूबर को प्रसारित होगा।

दिलजीत ने सिख नरसंहार पीड़ितों का अपमान किया : खालिस्तानी आतंकी संगठन
खालिस्तानी आतंकी संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) ने पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ के खिलाफ हमला तेज कर दिया है। संगठन ने दावा किया है कि दिलजीत ने अमिताभ बच्चन के पैर छूकर 1984 के सिख नरसंहार पीड़ितों का अपमान किया है। SFJ के जनरल काउंसल गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बयान में कहा कि “अमिताभ बच्चन वही अभिनेता हैं, जिनके ‘खून का बदला खून’ जैसे शब्दों ने 31 अक्टूबर 1984 को हिंसा को हवा दी थी।” पन्नू ने आरोप लगाया कि उस समय हुई हिंसा में 30,000 से अधिक सिख पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की हत्या हुई थी।
पन्नू ने कहा, “दिलजीत दोसांझ का अमिताभ बच्चन के पैर छूना अज्ञानता नहीं, बल्कि विश्वासघात है। जिन सिखों को जिंदा जलाया गया, जिन महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ और जिन बच्चों को मारा गया। उनकी राख अभी ठंडी नहीं हुई है। कोई भी सच्चा सिख 1 नवंबर को, जो ‘सिख नरसंहार स्मरण दिवस’ है, किसी भी उत्सव या प्रदर्शन का हिस्सा नहीं बन सकता।”
अमिताभ बच्चन के पैर छूने से दोसांझ पर नाराज
खालिस्तानी आतंकी संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) ने पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ पर एक बार फिर हमला बोला है। संगठन ने आरोप लगाया है कि दिलजीत 1984 के ‘सिख नरसंहार माह’ को “व्यावसायिक बनाने” की कोशिश कर रहे हैं। SFJ का कहना है कि पिछले 41 वर्षों में सिखों की हत्या को उकसाने वाले किसी भी भारतीय नेता या सेलिब्रिटी को न तो जवाबदेह ठहराया गया और न ही सज़ा दी गई, बल्कि उन्हें सम्मानित और पुरस्कृत किया गया। संगठन ने दावा किया कि जब पूरी दुनिया इस नरसंहार को याद कर रही है, तब दिलजीत दोसांझ, जो एक ग्लोबल पंजाबी आइकन हैं, उसी महीने में कॉन्सर्ट आयोजित कर रहे हैं और वो भी अमिताभ बच्चन के ‘नरसंहारकारी आह्वान’ की छाया में। SFJ ने इस मुद्दे पर अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज को औपचारिक पत्र लिखा है। संगठन ने उनसे आग्रह किया है कि वे दिलजीत दोसांझ को बुलाकर उनसे 2010 के तख्त फरमान के संदर्भ में जवाब मांगें, जिसमें नवंबर माह को ‘सिख नरसंहार स्मरण माह’ के रूप में मान्यता दी गई थी।




