Friday, September 20, 2024
HomeकेरलKerala Wayanad Landslide: वायनाड भूस्खलन में अब तक 173 लोगों की मौत,मृतकों...

Kerala Wayanad Landslide: वायनाड भूस्खलन में अब तक 173 लोगों की मौत,मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका,रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

वायनाड (केरल), केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की घटनाओं में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 173 हो गई है, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं.बचावकर्मी प्रतिकूल परिस्थितियों में भी तलाश एवं बचाव अभियान जारी रखे हैं.वे मलबे में दबे हुए पीड़ितों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन चारों ओर मलबा होने के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

173 लोगों की मौत 200 से अधिक घायल

बचावकर्मी मलबे को हटाने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में मृतक संख्या बढ़ने की आशंका है.जिला प्रशासन ने गुरुवार को बताया कि भूस्खलन की घटनाओं में अब तक 173 लोगों की मौत हो गई है जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं.जिला प्रशासन ने बताया कि भूस्खलन में मरने वालों में 23 बच्चे और 70 महिलाएं शामिल हैं.उसने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों से निकाले गए 221 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उनमें से 91 का अब भी इलाज जारी है.

लापता लोगों की संख्या का नहीं लग सका सटीक पता

बुधवार शाम तक के आधिकारिक अनुमान के अनुसार, भूस्खलन प्रभावित वायनाड में अब भी 191 लोग लापता हैं, जबकि सूत्रों का मानना है कि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है.राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने बताया कि अधिकारियों को अब भी लापता लोगों की सटीक संख्या का पता नहीं चल सका है.

राशन कार्ड के जरिए पता लगा रहे लापता लोगों की संख्या

राजन बचाव प्रयासों का समन्वय करने के लिए आपदा प्रभावित क्षेत्र में मौजूद हैं.उन्होंने संवाददाताओं को बताया,”पहले हमने लापता लोगों की पहचान के लिए मतदाता सूची का इस्तेमाल किया था, लेकिन चूंकि इसमें बच्चों का विवरण नहीं है, इसलिए अब हम राशन कार्ड और अन्य जानकारियों के माध्यम से पता लगाएंगे.हम राशन कार्ड के विवरण की जांच करके और आशा कार्यकर्ताओं तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से लापता लोगों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं.”

भूस्खलन से उखड़े पेड़ों को हटाने के लिए मशीनरी की जरूरत

वायनाड जिले के आपदाग्रस्त मुंडक्कई में जारी तलाश अभियान के बीच बचावकर्मियों का कहना है कि भूस्खलन में उखड़े विशाल पेड़ों को हटाने के लिए भारी मशीनरी की जरूरत है.इन पेड़ों के नीचे कई घर दब गए हैं.एक बचावकर्मी ने कहा,”हम एक इमारत की छत पर खड़े हैं और नीचे से बदबू आ रही है, जिससे यह पता चलता है कि वहां शव दबे हुए हैं। इमारत पूरी तरह से कीचड़ और उखड़े हुए पेड़ों से ढकी हुई है.”उन्होंने कहा कि अभियान के लिए खुदाई करने वाली मशीनें उपलब्ध हैं लेकिन वे इस काम के लिए अपर्याप्त हैं.बचावकर्मी ने कहा, ”विशाल पेड़ों को हटाने और ढह गई इमारतों में तलाश अभियान चलाने के लिए भारी मशीनरी की जरूरत है.तभी हम तलाश अभियान में प्रगति कर सकते हैं.मंत्री ने बताया,”मलप्पुरम जिले के पोथुकल में चलियार नदी से शव बरामद किए गए हैं, जिससे पता चलता है कि घटना का प्रभाव व्यापक है.

चाय बागान में बने क्वार्टर में रह रहे थे प्रवासी श्रमिक

मुंडक्कई के सूत्रों ने बताया कि चाय बागान के जो क्वार्टर बह गए हैं, वहां प्रवासी श्रमिक रह रहे थे.एक स्थानीय निवासी ने कहा,”हमें यह नहीं पता कि वे किसी सुरक्षित स्थान पर चले गए थे या भूस्खलन की चपेट में आ गए.निवासियों ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है, क्योंकि चाय बागान प्रबंधक भी लापता है.

1600 से अधिक बचावकर्मी बचाव में अभियान में जुटे

राजन के अनुसार, वर्तमान में सेना, नौसेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), पुलिस, अग्निशमन और अन्य बलों सहित 1,600 से अधिक बचावकर्मी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में तलाश एवं बचाव अभियान चला रहे हैं.इतनी ही संख्या में स्थानीय लोग और अन्य बचावकर्मी भी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में मौजूद हैं और वे भी मदद कर रहे हैं. लापता लोगों को तलाश करने के लिए कुल 3,000 से अधिक लोग हर संभव कोशिशें कर रहे हैं.”

वायनाड में स्वास्थ्य कर्मी लगातार 24 घंटे कर रहे कार्य

वायनाड में चिकित्सक, नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मी लगातार 24 घंटे कार्य कर रहे हैं.उन पर विनाशकारी घटना में गंभीर रूप से घायल लोगों के इलाज और शवों के पोस्टमार्टम का भारी बोझ है.

”सुबह 7 बजे तक कुल 256 पोस्टमॉर्टम किए”

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, “सुबह 7 बजे तक कुल 256 पोस्टमॉर्टम किए गए हैं जिनमें शवों के हिस्से भी शामिल हैं.इस प्रकार ये पूरे 256 शव नहीं हैं बल्कि कुछ शवों के अंग भी इसमें शामिल हैं.हमने 154 शव जिला प्रशासन को सौंप दिए हैं.”उन्होंने बताया कि मलप्पुरम जिले के पोथुकल क्षेत्र से नदी में बहकर आए शवों के पोस्टमॉर्टम किए गए हैं.

स्वास्थ्य कर्मियों के समक्ष उत्पन्न दुखद परिस्थितियों के बारे में बोलते हुए मंत्री ने बताया कि बुधवार रात को 100 से अधिक शवों का परीक्षण किया गया है.बचाव दल द्वारा शवों का पता लगाने के लिए कुत्तों का उपयोग किया जा रहा है.भूस्खलन प्रभावित वायनाड में इस विनाशकारी स्थिति के बीच इडुक्की में दिल को झकझोर कर देने वाला दृश्य सामाने आया, जहां एक महिला जरूरतमंद शिशुओं को अपना स्तनपान करा रही है.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments